- महाराष्ट्र के नागपुर में इस साल गरबा आयोजनों में प्रवेश के लिए एक नया और सख्त प्रोटोकॉल लागू किया गया है.
- सुरक्षा जांच, वराह अवतार के चित्र को प्रणाम और माथे पर तिलक लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
- नागपुर में महिलाओं को आत्मरक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा है. उन्हें शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
महाराष्ट्र के नागपुर में इस साल गरबा आयोजनों (Garba Events) में प्रवेश के लिए नया और सख्त प्रोटोकॉल लागू किया गया है. विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के निर्देशों के बाद गरबा पंडालों में सुरक्षा और धार्मिक आचार संहिता को लेकर कई बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही नवरात्रि (Navratri 2025) के दौरान यहां पर हर शाम लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के पाठ पढ़ाए जा रहे हैं और महिलाओं को शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
नागपुर में अब गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए आधार कार्ड की जांच अनिवार्य कर दी गई है. बिना आधार कार्ड के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही सुरक्षा जांच, वराह अवतार के चित्र को प्रणाम और माथे पर तिलक लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
साथ ही पंडालों के बाहर पुरुष और महिला बाउंसरों के साथ सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोका जा सके.
पढ़ाया जा रहा आत्मरक्षा का पाठ
इसके साथ ही एक ओर जहां पर नागपुर में गरबा की धूम है, वहीं दूसरी ओर यहां पर हर शाम को लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा है. नवरात्रि के दौरान महिलाओं को शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सामाजिक संगठनों की ओर से यह आयोजन किया जा रहा है.
इस दौरान महिलाओं को लकड़ी की तलवारें हाथों में पकड़ाकर यह बताया जा रहा है कि उन्हें इनका उपयोग कैसे करना है और उनसे इसका अभ्यास भी कराया जा रहा है. इसमें स्कूली छात्राओं से लेकर ज्यादा उम्र की महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं.
क्या कहते हैं आयोजक?
आयोजकों का कहना है कि आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है. आयोजकों का कहना है कि हर महिला को कम से कम एक हथियार चलाना सीखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप एक भी हथियार चला सकती हैं तो आपका आत्मविश्वास जागृत होता है.