सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:
मुंबई के सीडीआर केस में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एडवोकेट रिजवान को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ठाणे के डीसीपी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है. महाराष्ट्र सरकार ने रिजवान की रिहाई के आदेश को चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस तरह मजिस्ट्रेट के रिमांड आदेश पर हाईकोर्ट में हैबियस कारपस की सुनवाई नहीं हो सकती. बॉलीवुड में फिल्म स्टार अपने वैवाहिक झगड़े में एक दूसरे की सीडीआर व जानकारी निकालते हैं. और ऐसे लोगों से मिलते हैं जो उनकी मदद करते हैं. हाईकोर्ट इस तरह किसी को रिहा करने के आदेश नहीं दे सकता.
सीडीआर मामले में ठाणे पुलिस की हिरासत में रहे एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी को रिहा करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
गौरतलब है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत को सबसे बड़ा आधार बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे पुलिस को एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी को हिरासत से रिहा करने आदेश दिया था. रिजवान पर आरोप है कि उसने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के कहने पर सीडीआर मामले में, आरोपी डिटेक्टिव प्रशांत पालेकर के जरिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी आलिया सिद्दीकी के सीडीआर निकलवाए थे.
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का नाम तब सामने आया जब ठाणे पुलिस ने कई जासूसों को गैरकानूनी तरीके से कॉल डेटा रिकॉर्डिंग के मामले में पकड़ा. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि रिजवान सिद्दीकी नवाज की पत्नी की जासूसी कर रहे थे. पुलिस अभी इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
इस मामले में पुलिस ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया था, लेकिन वे थाने नहीं आए थे.
दरअसल, कुछ समय पहले ठाणे पुलिस ने अवैध रूप से मोबाईल कंपनियों से कॉल डिटेल्स निकालने वाले गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया था कि ये लोग निजी जासूसी कंपनियों के लिए लोगों के फोन के रिकॉर्ड निकालते थे.
आपको बता दें कि इस CDR केस में नवाजुद्दीन के अलावा जैकी श्रॉफ की पत्नी आयशा श्रॉफ और कंगना रनौत का भी सामने आया था. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि 2016 में कंगना रनौत ने भी ऋतिक रोशन का मोबाइल नंबर रिजवान सिद्दीकी के साथ शेयर किया था. इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आई है.
सीडीआर मामले में ठाणे पुलिस की हिरासत में रहे एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी को रिहा करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
गौरतलब है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत को सबसे बड़ा आधार बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे पुलिस को एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी को हिरासत से रिहा करने आदेश दिया था. रिजवान पर आरोप है कि उसने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के कहने पर सीडीआर मामले में, आरोपी डिटेक्टिव प्रशांत पालेकर के जरिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी आलिया सिद्दीकी के सीडीआर निकलवाए थे.
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का नाम तब सामने आया जब ठाणे पुलिस ने कई जासूसों को गैरकानूनी तरीके से कॉल डेटा रिकॉर्डिंग के मामले में पकड़ा. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि रिजवान सिद्दीकी नवाज की पत्नी की जासूसी कर रहे थे. पुलिस अभी इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
इस मामले में पुलिस ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया था, लेकिन वे थाने नहीं आए थे.
दरअसल, कुछ समय पहले ठाणे पुलिस ने अवैध रूप से मोबाईल कंपनियों से कॉल डिटेल्स निकालने वाले गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया था कि ये लोग निजी जासूसी कंपनियों के लिए लोगों के फोन के रिकॉर्ड निकालते थे.
आपको बता दें कि इस CDR केस में नवाजुद्दीन के अलावा जैकी श्रॉफ की पत्नी आयशा श्रॉफ और कंगना रनौत का भी सामने आया था. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि 2016 में कंगना रनौत ने भी ऋतिक रोशन का मोबाइल नंबर रिजवान सिद्दीकी के साथ शेयर किया था. इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आई है.
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