Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ 'थप्पड़' वाले कमेंट को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) को मंगलवार को राज्य के संगमेश्वर में अरेस्ट कर लिया गया. बीजेपी ने एक वीडियो जारी करके आरोप लगाया है कि राणे को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे खाना खा रहे थे. वीडियो में केंद्रीय मंत्री, 69 वर्षीय राणे को प्लेट पकड़े हुए देखा जा सकता है. वे आधा खाना खा चुके थे. वीडियो में यह भी दिख रहा था कि इस दौरान राणे के समर्थकों की ओर से पुलिस को रोकने की भी कोशिश की गई थी.
एक शख्स, माना जा रहा है कि ये नारायण राणे के बेटे नितेश राणे हैं, को यह कहते सुना जा सकता है, 'सर खाना खा रहे हैं, एक मिनट, एक मिनट...मुझे मत छुओ...' 'मंत्रीजी' को बाद में संगमेश्वर के पुलिस स्टेशन ले जाया गया. यह स्थान प्रदेश की राजधानी मुंबइ से करीब 300 किलोमीटर दूर है. राणे को देश की स्वाधीनता का वर्ष भूलने के लिए महाराष्ट्र के सीएम को थप्पड़ मारने के उनके कमेंट को लेकर दंगा सहित कुछ अन्य गैरजमानती धाराओं के तहत अरेस्ट किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को 'जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान कहा था, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.'' राणे खुद एक समय शिवसेना में रह चुके हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, बाद में वे कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.
राणे (Narayan Rane) ने जुलाई माह में ही नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्री के रूप में पद संभाला है. पुलिस की टीम मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए संगमेश्वर गई थी, राणे 20 साल में ऐसे पहले केंद्रीय मंत्री है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. राणे की गिरफ्तारी की आशंका उस समय बढ़ गई थी जब गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी उनकी ओर से दाखिल की गई याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR को चुनौती देते हुए मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया था लेकिन कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.