महाराष्ट्र में चुनाव में जिस प्रकार से बीजेपी के गठबंधन को बढ़त मिली उससे यह साफ होता जा रहा है कि राज्य में महायुति की ओर से कौन मुख्यमंत्री होगा. राज्य में बीजेपी का स्ट्राइक रेट शानदार है. बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनती हुई दिख रही है. इससे साफ होता जा रहा है कि पार्टी की ओर से सीएम प्रत्याशी होगा. लेकिन सीएम कौन बनेगा अभी यह साफ नहीं हो पाया है.
देवेंद्र फड़णवीस और विनोद तावड़े के नाम
बीजेपी की ओर से दो नाम आगे चल रहे हैं. इसमें देवेंद्र फड़णवीस जो पहले सीएम और डिप्टी सीएम के पद पर रह चुके हैं उनका नाम पर चर्चा हो रही है. साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े का नाम भी तेजी से आगे आ रहा है. विनोद तावड़े का केंद्रीय नेताओं के साथ बेहतर रिलेशन रहे हैं.
विनोद तावड़े पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ दिल्ली स्थित बीजेपी कार्यालय में काफी देखे जाते रह हैं. तावड़े राज्य में मराठा नेता हैं और फड़णवीस को ब्राह्मण नेता माना जाता है.
बीजेपी की उल्झन
बीजेपी की अंदरुनी राजनीति को समझने वाले लोगों का कहना है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व यह नहीं चाहता है कि राज्य से कोई भी स्थानीय नेता इतना बड़ा न हो जाए कि वह केंद्रीय नेतृत्व के लिए चुनौती बन जाए. इसलिए यह कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस के स्थान पर कोई और नाम बीजेपी की ओर से सीएम पद का दावेदार हो सकता है.
देवेंद्र में क्यों है दम
लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य में इतनी बड़ी जीत के लिए आरएसएस ने भी योगदान दिया है. इस वजह से यह कहा जा रहा है कि आरएसएस की बात भी सुनी जाएगी. आरएसएस की नजर में देवेंद्र फड़णवीस सीएम पद के दावेदार हैं. इसके अलावा देवेंद्र फड़णवीस के पक्ष में यह बात भी जा रही है कि उन्होंने इस बार जीत में बड़ी भूमिका निभाई है.
फड़णवीस से कई रैलियां की और लोगों के साथ खुलकर जुड़ने के लिए हर वो बात कही जिससे लोगों ने वोट दिया. बीजेपी ने इस बार इतनी ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है कि बीजेपी बड़ी दावेदार होगी.
एकनाथ शिंदे भी पीछे नहीं
देवेंद्र फड़णवीस के बाद सबसे ज्यादा चर्चा शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की हो रही है. वर्तमान सरकार का वे नेतृत्व कर रहे हैं और देवेंद्र उनके डिप्टी रहे. राज्य में लाड़की बहिन योजना के साथ एकनाथ शिंदे का नाम और चेहरा जुड़ा हुआ है. ऐसे में एकनाथ शिंदे को किनारे करना आसान नहीं होगा. उन्हें केंद्र में भी लाया जा सकता है. उनके नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अच्छे संबंध बताए जाते हैं.
कितना दम अजित के नाम में
राज्य में महायुति की जीत की खबरों के साथ ही तीसरे प्रमुख सहयोगी एनसीपी प्रमुख अजित पवार के नाम के पोस्टर तक लग गए हैं. एनसीपी प्रमुख अजित पवार पहले भी अपने सीएम बनाए जाने की बात खुद ही कर चुके हैं. लेकिन जिस प्रकार का रिजल्ट आया है उससे यह संभावना कम ही है, अजित पवार को सीएम पद का ऑफर मिले.
बीजेपी बनाएगी अपना सीएम
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जिस प्रकार का चुनाव परिणाम आया है उससे बीजेपी ही अपना सीएम बनाएगी. देवेंद्र फड़णवीस के साथ आरएसएस है और उनके नाम का बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव भी होगा. पार्टी कार्यकर्ता भी अपने ही नेता को सीएम पद पर देखना चाहेगा. पार्टी ने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महाराष्ट्र की विधानसभा में सीटें हासिल की है.
कौन कितनी सीटों पर लड़ा चुनाव
2024 के चुनाव में महायुति गठबंधन की पार्टियां 298 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इनमें से बीजेपी 149 सीटों पर, शिवसेना 81 सीटों पर, एनसीपी 59 सीटों पर और अन्य दल 6 सीटों पर चुनाव लड़ी. वहीं, एमवीए 290 सीटों पर चुनाव लड़ा. इसमें से कांग्रेस 101 सीटों पर, शिवसेना यूबीटी 95 सीटों पर, एनसीपी शरद पवार 86 सीटों पर और अन्य दल 8 सीटों पर चुनाव लड़े थे. इसके अलावा वीबीए (वंचित बहुजन अघाड़ी) 200, एमएनएस 125, एआईएमआईएम 17, बीवीए (बहुजन विकास अघाड़ी) 8 सीटों पर चुनाव लड़े थे.