Maharashtra: महाराष्ट्र को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी (shortage of medical oxygen) का सामना करना पड़ा लेकिन राज्य में इस कमी के चलते कोविड-19 से कोई मौत (COVID-19 death) दर्ज नहीं की गई. Maharashtra के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने शु्क्रवार को यह दावा किया. वे नेशनल कोल्ड चेन रिसर्च सेंटर की एक हॉस्टल का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
दिल्ली सरकार ने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों पर केंद्र के दावे का किया खंडन
स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा, 'मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की वजह से राज्य में कोई मौत (कोरोना संक्रमण के कारण) नहीं हुई. हो सकता है कि दूसरे राज्यों में ऐसी मौत हुई हो. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में जानकारी दी थी कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या यूटी (केंद्रशासित क्षेत्र) ने ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की सूचना नहीं दी है. इस बयान के कारण सरकार को विपक्ष के साथ-साथ हेल्थ वर्कर्स की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. टोपे ने इस अवसर पर बताया कि राज्य में इस समय प्रतिदिन कोरोना वैक्सीन के करीब साढ़े तीन लाख टीके लगाए जा रहे जबकि इसकी क्षमता प्रतिदिन 10 लाख लोगों का टीकाकरण करने की है.
राहुल गांधी के सवाल पर सरकार का जवाब, 'वैक्सीनेशन की कोई समयसीमा तय नहीं की जा सकती'
उन्होंने कहा, 'मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मिलकर महाराष्ट्र के लिए कोरोना के और अधिक डोज की डिमांड करूंगा. मैंने बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी साथ आने को कहा है.' राज्य में स्कूलों को दोबारा खोले जाने पर टोपे ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निर्देशों का पालन करेगी जोकि यह निर्धारित करता है कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के टीकाकरण के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोला जा सकता है