महाराष्ट्र : हिंदी थोपने पर मनसे और सरकार की बैठक बेनतीजा, राज ठाकरे का दादा भुसे से तीखा सवाल

हिंदी भाषा को जबरन थोपे जाने के मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री दादा भुसे की कल शिवतीर्थ स्थित राज ठाकरे के निवास पर अहम बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल सका.

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  • महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर राजनीतिक विवाद जारी है
  • मनसे और सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रही है
  • मनसे ने हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध जारी रखने का निर्णय लिया है
  • राज ठाकरे ने शिक्षामंत्री दादा भुसे से तीखे सवाल पूछे
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मुंबई:

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर सियासत गरमाई हुई है, जो फिलहाल तो किसी सूरत-ए-हाल थमती नहीं दिख रही है. हालांकि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत का सिलसिला जरूर चल रहा है जो फिलहाल तो कामयाब होता नहीं दिख रहा है. हिंदी थोपने पर मनसे और सरकार के बीच जो बैठक हुई, वो भी बेनतीजा रही. हिंदी भाषा को जबरन थोपे जाने के मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री दादा भुसे की कल शिवतीर्थ स्थित राज ठाकरे के निवास पर अहम बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल सका.

हिंदी को लेकर जारी रहेगा विरोध

इस बैठक में मनसे ने साफ कर दिया कि पार्टी का हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध पहले की तरह ही जारी रहेगा. वहीं इस दौरान राज ठाकरे ने दादा भुसे से तीखे सवाल किए. इस दौरान राज ठाकरे ने दादा भुसे से पूछा कि जब सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी-अपनी भूमिका स्पष्ट कर चुके हैं, तब आपकी पार्टी यानी शिवसेना की भूमिका क्या है? सूत्रों का कहना है कि, राज ठाकरे के इस सवाल पर दादा भुसे निरुत्तर रह गए. इस बैठक के नतीजे को राज ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे से सीधे सवाल के तौर पर देखा जा रहा है.

महाराष्ट्र में हिंदी पर नहीं थम रहा विवाद

हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान फिलहाल तो दिख नहीं रहा. क्योंकि नेताओं के बयानों से ये साफ जाहिर हो चुका है कि वो इस मुद्दे पर किसी हाल पीछे नहीं हटेंगे. स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च के आह्वान किया तो उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा कर दी है. शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाते हुए कड़ा विरोध जताया.  उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में एक बड़ा आंदोलन होगा, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) समेत कई मराठी भाषी संगठन भाग लेंगे. 

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मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि मुझे लगता है, मराठी भाषा के मुद्दे पर सभी एक साथ आए ऐसा संदेश देने की जरूरत थी. राज ठाकरे साहब ने 6 तारीख को मोर्चा रखा था और उद्धव ठाकरे साहब ने 7 जुलाई. इसके बाद राज ठाकरे साहब ने फोन किया और यह बात कही कि मराठी विषय के मुद्दे पर अलग-अलग नहीं दिखना चाहिए इसलिए हमने 5 तारीख निर्धारित की और दोनों साथ में मोर्चे में शामिल होंगे. हम महाराष्ट्र की अन्य पार्टियों से भी बातचीत करेंगे और उन्हें एक साथ लाने की कोशिश करेंगे यहां तक की बीजेपी को भी इस मोर्चे में बुलाया जाएगा. आपने कहा यह एक पॉलीटिकल एजेंडा है लेकिन यह बीजेपी और शिवसेना का है.

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