महाराष्ट्र में 1999 के बाद पहली बार इतनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है कांग्रेस, नगर निगम इलेक्शन में क्या प्लान?

कांग्रेस पार्टी इस बार महाराष्ट्र निकाय चुनाव में पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरी है. 1999 के बाद पहली बार देश की सबसे पुरानी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है.

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फाइल फोटो
मुंबई:

महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस इस बार पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है. 1999 के बाद यह पहला मौका है जब पार्टी राज्य के नगर निगम चुनावों में इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी तो बीएमसी चुनाव महाविकास अघाड़ी से अलग होकर अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है. 

कांग्रेस की सीटों का गणित:

* मुंबई: 167 सीटों पर उम्मीदवार उतारे
* ठाणे: 101 सीटों पर दावेदारी
* पुणे: 100 सीटों पर जंग
* छत्रपति संभाजी नगर: 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है
* पिंपरी चिंचवड: 60 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में है

इन शहरों में पूरी तरह अकेले के दम पर लड़ाई! 
कांग्रेस ने नागपुर, अकोला, अमरावती और चंद्रपुर में किसी से गठबंधन न करते हुए अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

वंचित बहुजन आघाडी के साथ तालमेल
लातूर में कांग्रेस ने केवल 5 सीटें 'वंचित' के लिए छोड़ी हैं, बाकी सभी सीटों पर खुद लड़ रही है.

नांदेड में 'वंचित' को 20 सीटें दी गई हैं, जबकि शेष सभी सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में हैं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. पार्टी को 41 नगर परिषद अध्यक्ष पद पर जीत मिली थी जबकि 1006 पार्षद की सीटें मिली थी. बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में जीत दर्ज की है. पार्टी ने 207 अध्य़क्ष पद जीत दर्ज किए थे. वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी कुल 44 नगर अध्यक्ष पद ही जीत पाई थी. हालांकि, स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने खुद को मुख्य विपक्ष के तौर पर पेश किया है. 

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