- महाराष्ट्र की लाडकी बहीण योजना में 12,431 पुरुष और 77,980 अपात्र महिलाएं लाभार्थी पाए गए हैं.
- योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाली महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये दिए जाते हैं.
- अपात्र लाभार्थियों को कुल लगभग 164.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें पुरुषों का हिस्सा 24.24 करोड़ है.
Ladki Bahin Yojana Fraud: महाराष्ट्र से गजब मामला सामने आया है. यहां महिलाओं के लिए चलाई जा रही 'लाडकी बहीण योजना' का योजना का लाभ हजारों पुरुष भी लेते हुए पकड़े गए. हैरत की बात यह है कि इसमें कई सरकारी कर्मचारी भी है. मालूम हो कि महाराष्ट्र में लाडकी बहीण योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए मिलते है. यह योजना मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना के तर्ज पर पिछले बार चुनाव से पहले शुरू की गई थी. सूचना के अधिकार (RTI) के जरिए यह खुलासा हुआ कि महाराष्ट्र में केवल महिलाओं के लिए चल रही 'माझी लाडकी बहीण' योजना के तहत 12,431 पुरुष लाभ उठाते पाए गए. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा लगाई गई RTI के जरिए यह खुलासा हुआ है.
खुलासे के बाद महाराष्ट्र के हड़कंप
योजना को लागू करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आरटीआई के जरिए दिए गए जवाब के अनुसार, इन पुरुष लाभार्थियों के साथ-साथ अपात्र पाई गईं 77,980 महिलाओं को सत्यापन अभियान के दौरान पहचाने जाने से पहले एक साल तक भुगतान प्राप्त हुआ. इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र के हड़कंप मचा है.
164 करोड़ रुपए से अधिक का गलत भुगतान
आरटीआई के जवाब में मिले आंकड़ों से पता चला है कि लगभग 164.52 करोड़ रुपए अपात्र लाभार्थियों को दिए गए. जिसमें पुरुषों को 24.24 करोड़ रुपये और अपात्र महिलाओं को 140.28 करोड़ रुपये शामिल हैं. विभाग ने कहा कि इन खातों को मिलने वाले लाभ रोक दिए गए हैं, हालांकि वसूली की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है.
2400 सरकारी कर्मचारी भी योजना का लाभ लेते पकड़े गए
आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि 2,400 सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ उठाते हुए पाए गए. जिसमें कई पुरुष भी शामिल हैं. जिन विभागों में अनियमितताएं पाई गईं, उनमें कृषि, समाज कल्याण, आदिवासी विकास और आयुर्वेद निदेशालयों के साथ-साथ कई जिला परिषदें भी शामिल हैं. इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है, लेकिन अभी तक कोई वित्तीय वसूली नहीं हुई है.
गलती सुधारने के लिए फिर से ई-केवाईसी का प्रोसेस शुरू
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्यव्यापी सत्यापन अभियान के दौरान अनियमितताओं का पता चला, जिसमें गलत डेटा प्रविष्टियाँ, गलत आय स्तर और लाभों के दोहराव को चिह्नित किया गया था. आगे के दुरुपयोग को रोकने के लिए, सरकार ने अब सभी मौजूदा और नए लाभार्थियों के लिए राज्यव्यापी ई-केवाईसी सत्यापन अभियान शुरू किया है.