- महाराष्ट्र सरकार ने नवी मुंबई में CIDCO की जमीन आवंटन घोटाले की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं
- सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट पर 4,500 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन विवादित तरीके से आवंटित करने का आरोप है
- यह जमीन यशवंत बिवलकर परिवार को दी गई थी, जबकि जमीन से जुड़े मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे
नवी मुंबई में सिडको (CIDCO) की जमीन आवंटन से जुड़े कथित 4,500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच के घेरे में सामाजिक न्याय मंत्री और शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट है, जो पहले CIDCO के चेयरमैन रह चुके हैं. इसके साथ ही वो उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं.
क्या है मामला?
इस मामले में आरोप है कि संजय शिरसाट ने CIDCO चेयरमैन रहते हुए नवी मुंबई की 61,000 वर्गमीटर की प्राइम जमीन यशवंत बिवलकर परिवार को आवंटित करने की मंजूरी दी. इस जमीन की अनुमानित कीमत करीब ₹4,500 करोड़ बताई जा रही है. यह आवंटन उस समय हुआ जब जमीन से जुड़ा मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित था और उस पर रोक लगी हुई थी.
इससे पहले बिवलकर परिवार को यह जमीन देने से कई बार इनकार किया जा चुका था. NCP(SP) के विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि शिरसाट ने चेयरमैन बनने के बाद अपनी पहली ही बैठक में विवादित फाइल को क्लियर कर दिया, जबकि पहले इसे बार-बार खारिज किया गया था.
जांच समिति का गठन
महाराष्ट्र सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता कोंकण डिविजनल कमिश्नर करेंगे. समिति यह पता लगाएगी कि जमीन आवंटन में नियमों का उल्लंघन हुआ या नहीं. जाहिर सी बात है कि मामले की जांच होने से शिंदे के करीबी नेता की सिरदर्दी बढ़ने जा रही है.
राजनीतिक मायने
संजय शिरसाट को सितंबर 2024 में CIDCO का चेयरमैन नियुक्त किया गया था और जनवरी 2025 में इस पद से मुक्त कर दिया गया था. आरोपों के मुताबिक यह विवादित आवंटन सितंबर से दिसंबर 2024 के बीच हुआ. जांच के आदेश ऐसे समय में आए हैं जब राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र नजदीक है और विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है.














