महाराष्‍ट्र : बीजेपी के अमरावती बंद के दौरान हिंसा के मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को हिरासत में लिया

पुलिस ने अब बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर पर सर्च ऑपरेशन शुरूकिया है. आज सुबह महाराष्ट्र के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व कृषि मंत्री डॉ अनिल बोंडे को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

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अमरावती बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.

Maharashtra: दो दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्‍ट्र के अमरावती में बंद का ऐलान किया था. इस दौरान शहर में बड़े  पैमाने में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुईं.  आंदोलनकारियों ने पुलिस और पत्रकारों पर भी पथराव किया इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 15 FIR दर्ज किए है और  कुल 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने अब बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर पर सर्च ऑपरेशन शुरूकिया है. आज सुबह महाराष्ट्र के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व कृषि मंत्री डॉ अनिल बोंडे को पुलिस ने हिरासत में लिया है. बाकी बीजेपी कार्यकर्ता फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जिनकी तलाश की जा रही है. 

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पुलिस ने बताया कि बंद का आयोजन त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के खिलाफ किया गया था. राजधानी मुंबई से लगभग 670 KM दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र के इस शहर के राजकमल चौक इलाके में शनिवार सुबह सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए.  इनमें से ढेर सारे लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.

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अधिकारियों ने बताया था कि शुक्रवार को आठ हजार से अधिक लोग अमरावती जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक ज्ञापन सौंपने के लिए जमा हुए थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी. जब लोग ज्ञापन सौंपकर निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कॉटन बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ. इस बीच, विपक्षी भाजपा पर हमला बोलते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे "असल चेहरों" पर से नकाब राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद उतर जाएगा. अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

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