AI निर्मित क्लिप्स पर गुस्‍से में महाराष्ट्र वन विभाग, केस होगा दर्ज, पुलिस ने शेयर करने वालों को भी दी चेतावनी

सोशल मीडिया पर बेहतर क्लिक्स पाने के मकसद से कई वीडियो अपलोड की जा रही है. लेकिन बाघ और इंसान की AI जनरेटेड क्लिप्स बनाकर, उन्हें सोशल मीडिया पर असली बताकर पोस्ट करने वालों पर अब पुलिस कार्रवाई होगी.

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AI निर्मित क्लिप्स द्वारा महाराष्ट्र वन विभाग के सामने अनोखी चुनौती
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  • महाराष्ट्र में वायरल हो रही बाघ और व्यक्ति की क्लिप पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्मित झूठी है.
  • महाराष्ट्र वन विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना पेंच टाइगर रिजर्व या चंद्रपुर जिले में हुई नहीं है.
  • सोशल मीडिया पर एक अन्य वायरल क्लिप में बाघ द्वारा सुरक्षा गार्ड पर हमले का दिखावा किया गया है, जो असत्य है.
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मुंबई:

महाराष्ट्र में एक क्लिप सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. हाथ में शराब की बोतल थामे जंगली इलाके से गुजरते हुए एक व्यक्ति को रास्ते में एक बाघ दिखता है. दोनों की मुलाकात होती है. वीडियो में दिखाया गया है कि उस व्यक्ति ने प्यार से कुछ कहा. अपनापन दिखाते हुए सीधे बाघ के सिर पर हाथ रखा.लेकिन, इस दौरान बाघ खामोश रहा. उसने कोई गैर दोस्ताना हरकत नहीं की. यह अनोखी क्लिप सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी वायरल हो रही है.

महाराष्ट्र वन विभाग ने बताई सच्‍चाई 

इस क्लिप के साथ टेक्स्ट डालकर सोशल मीडिया पर यह फैलाया जा रहा है कि यह घटना पेंच टाइगर रिजर्व के पास हुई. इसी क्लिप के साथ भेजे जा रहे कुछ मैसेज में दावा किया जा रहा है कि यह घटना चंद्रपुर ज़िले में हुई. हालांकि, हकीकत में ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है. यह क्लिप पूरी तरह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की सहायता से निर्मित है तथा झूठी है. अब तो महाराष्ट्र वन विभाग ने बाक़ायदा एक प्रेस रिलीज़ जारी कर यह स्पष्ट किया है.

बाघ के कई वीडियो हो रहे वायरल 

एक और क्लिप वायरल हो रही है. इसमें, एक वृद्ध सुरक्षा गार्ड को दिखाया गया है, जो कुर्सी पर बैठा है. अचानक सामने से एक बाघ को आते देख वह खड़ा हो जाता है. लेकिन, तेज़ी से आए बाघ के हमले का वह शिकार हो जाता है. बाघ उसे घसीट कर ले जाता है. क्लिप के साथ भेजे जा रहे संदेश में यह दावा भी किया गया है कि यह घटना महाराष्ट्र में चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी स्थित वन विभाग के डिपो में हुई है. यह क्लिप असली लगे, इसलिए इसमें सीसीटीवी फुटेज की तरह दिखने वाली एक तारीख और समय भी डाला गया है. हालांकि, ब्रह्मपुरी तो क्या, पूरे महाराष्ट्र में ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है. इस क्लिप का पार्ट टू भी आया है, जिसमें वही बाघ उस व्यक्ति को वापिस उसी स्थान पर सकुशल वापिस ला छोड़ता है, और पास पड़ी पानी की बोतल भी उसे देता है. वह व्यक्ति पानी पिता है और उस बाघ की पीठ ओर सहलाता है. बिल्ली और कुत्ते द्वारा बाघ के हमले से किसी बच्चे या आदमी की जान बचाने के कई विडियोज की इंटरनेट पर भरमार देखी जा सकती है.

बाघ और इंसान की AI जनरेटेड क्लिप्स पर होगी कानूनी कार्रवाई

पिछले कुछ ही हफ्तों में ये दोनों क्लिप्स ज़बरदस्त तरीके से वायरल हुई हैं. जाहिर है, इन क्लिप्स के पीछे उद्देश्य मनोरंजन ही रहा होगा. सोशल मीडिया पर बेहतर क्लिक्स पाने का उद्देश्य रहा होगा. लेकिन बाघ और इंसान की AI जनरेटेड क्लिप्स बनाकर, उन्हें सोशल मीडिया पर असली बताकर पोस्ट करने वालों पर अब पुलिस कार्रवाई होगी. ऐसी क्लिप्स बनाने का मज़ाक अब उन पर भारी पड़ने वाला है. क्योंकि, अब इन क्लिप्स के कारण महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारी गुस्से में है. महाराष्ट्र के वन विभाग ने पुलिस में साइबर अपराध दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उनके द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया है कि इन क्लिप्स को आगे न बढ़ाएं, आगे बढ़ाने वालों पर भी कारवाई होगी. इन क्लिप्स के कारण महाराष्ट्र के वन्यजीव प्रेमी भी बेहद नाराज़ हैं और उसकी वजह है.

सतपुड़ा फाउंडेशन के मंदार पिंगले कहते हैं कि पहले से बढ़ता मानव विरुद्ध जंगली पशु संघर्ष चिंता का कारण है. ऐसे में जंगलों से सटे मानवी इलाकों में निवासियों के बर्ताव में बेहतर बदलाव हेतु जानकारी के द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में इस तरह के विडियोज न सिर्फ गलत जानकारी दे रहे हैं, बल्कि देखनेवाले लोगों को डरा कर उनकी भावनाएं आहत कर रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिक्रिया वन तथा वन्य पशु संवर्धन के सम्मुख नई समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं. यदि ऐसा ही जारी रहा तो मानव और वन्य पशुओं का सह अस्तित्व असंभव बन जाने का डर है.

ऐसी टेक्नोलॉजी से लगने लगेगा डर

कई वन्य जीव प्रेमी संगठन तथा पर्यावरणवादी इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाने की वकालत कर रहे हैं. उधर, कंप्यूटर साइंस इंजीनियर तथा साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट ऐश्वर्या तिवारी ऐसे क्लिप्स से एक और बुरी संभावना की बात करती हैं. उनका कहना है, कि संभव है. इस तरह की क्लिप्स बनाने के पीछे दर्शकों का मनोरंजन तथा पोस्ट पर क्लिक्स बढ़ाने का उद्देश्य ही रहा होगा. लेकिन, सोशल मीडिया कम्यूनिटी को भी अब अपने दायरे शीघ्र पहचानने होंगे. उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस काफी पावरफुल टेक्‍नोलॉजी है, जिसमें दुनिया को बेहतर बनाने की क्षमता है. लेकिन, इस तरह डीप फेक और अन्य टूल्स का बेजा इस्तेमाल इस टेक्नोलॉजी के प्रति लोगों में अनावश्यक डर की भावना को जन्म दे सकता है, और ऐसी स्थिति से हमें बचना होगा.

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