महाराष्ट्र के बहुचर्चित 500 करोड़ रुपये के जेल घोटाला मामले में अपना नाम आने के बाद आईपीएस अधिकारी डॉ. जलिंदर सुपेकर ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इस मामले को लेकर कहा कि उन्हें बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश रची जा रही है. मीडिया ट्रायल की वजह से उनके परिवार, खासकर उनकी बेटियों और पत्नी की मानसिक हालत खराब हो चुकी है.
जलिंदर सुपेकर ने कहा कि मेरे घर के बाहर, मेरी गाड़ी के पीछे और मेरे ऑफिस तक मीडिया पीछा कर रही है. मेरी बेटियों पर इसका बहुत गहरा असर हो रहा है. अगर इसका कोई गंभीर परिणाम होता है तो उसके लिए मीडिया जिम्मेदार होगी. सुपेकर ने दावा किया कि वायरल ऑडियो, जेल विज़िट की बातें और सभी आरोप एक पक्षीय और तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं, ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके। उन्होंने यहां तक कहा कि मानहानि का केस दायर करने पर विचार कर रहे हैं।
क्या है मामला?
राज्य की जेलों में 2023-2025 के दौरान खाद्य, कपड़े, दवाइयों और फर्नीचर की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इस 500 करोड़ रुपए के घोटाले में सुपेकर और अमिताभ गुप्ता जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के नाम सामने आए हैं. साथ ही सुपेकर पर एक बंदी से 550 करोड़ की डिमांड, दहेज हत्या में भांजे को बचाने, और फर्जी हथियार लाइसेंस दिलवाने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं.