Artificial Intelligence in India 2025: महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती में रविवार को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शरदचंद्र पवार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने बताया कि किस तरह से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस हमारी जिंदगी को बदल रहा है और आने वाले समय में यह तकनीक कितनी अहम होगी.
शरद पवार को लेकर अदाणी की भावनाएं
गौतम अदाणी ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि पिछले तीन दशकों से शरद पवार को जानते हैं. उन्होंने बताया कि पवार से उन्होंने जो सीखा है, उसकी कोई तुलना नहीं है. अदाणी ने कहा कि पवार की समझदारी और हमदर्दी ने उन पर गहरी छाप छोड़ी है. उन्होंने बारामती के विकास की भी सराहना की और कहा कि यहां जो बदलाव हुआ है, वह सिर्फ खेती या कोऑपरेटिव तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्यमिता को भी नई दिशा दी है.
एआई का असली बदलाव
गौतम आदाणी ने कहा कि एआई का असली असर तब दिखता है जब यह लैब से निकलकर असल दुनिया में काम करता है. बड़े मॉडल लिख सकते हैं, पढ़ सकते हैं, सारांश बना सकते हैं, लेकिन असली क्रांति तब होती है जब एआई एयरपोर्ट, पावर ग्रिड, फैक्ट्री और शहरों में काम करने लगता है. यही वह समय है जब एआई पढ़ाई का विषय नहीं, बल्कि ऑपरेट करने वाला सिस्टम बन जाता है.
अदाणी ग्रुप का इंडस्ट्रियल एआई
अदाणी ग्रुप एआई को इंडस्ट्रियल स्तर पर लागू कर रहा है. हम देश के सबसे बड़े पोर्ट और कंटेनर टर्मिनल चलाते हैं, सबसे बड़ी प्राइवेट पावर और रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता रखते हैं. हमने सबसे बड़ा सोलर मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म, कॉपर स्मेल्टर और प्राइवेट एयरपोर्ट नेटवर्क बनाया है. इन सबमें एआई का इस्तेमाल हमें तेज़, स्मार्ट और टिकाऊ बना रहा है.
बारामती को बताया बदलाव का प्रतीक
अदाणी ने कहा कि बारामती सिर्फ नक्शे पर एक जगह नहीं है, बल्कि यह तरक्की और मौकों का बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि यह सब शरदचंद्र पवार के विज़न की वजह से संभव हुआ है. अदाणी ने इस सेंटर को ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह आने वाले समय में तकनीकी विकास और रोजगार के नए अवसर खोलेगा.
AI का बढ़ता महत्व
अदाणी ने जोर देकर कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज दुनिया को बदल रहा है. यह तकनीक न सिर्फ उद्योगों में बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. उन्होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए ऐसे सेंटरों की जरूरत है, जो युवाओं को नई तकनीक में प्रशिक्षित करें.
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