- मुंबई में उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के पास एक ड्रोन मंडराता हुआ देखा गया
- शिवसेना (यूबीटी) ने ड्रोन को संभावित निगरानी करार देते हुए मामले की गंभीर जांच की मांग की
- मुंबई पुलिस ने बताया कि ड्रोन एमएमआरडीए के अधिकृत सर्वेक्षण का हिस्सा था और इसके लिए अनुमति मिली थी
मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के पास एक ड्रोन मंडराता हुआ देखा गया.जिसके बाद ये मामला गरमा गया है. दरअसल ठाकरे गुट ने हाई सिक्योरिटी ड्रोन फ्री इलाके में संभावित निगरानी का आरोप लगाया है.जब ड्रोन मंडराता हुआ देखा गया उस वक्त उद्धव ठाकरे घर में नहीं थे, क्योंकि वह मराठवाड़ा का दौरा कर रहे थे. शिवसेना (यूबीटी) नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के अनुसार, ड्रोन "आवास में ताक-झांक कर रहा था" और नज़र पड़ते ही तुरंत उड़ गया.
मुंबई पुलिस ने क्या कहा
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे और अनिल परब ने ड्रोन की मौजूदगी पर चिंता जताई और इसे "गंभीर सुरक्षा उल्लंघन" बताते हुए इसकी जांच की मांग की. परब ने किसी भी चरमपंथी पहलू को खारिज करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और मातोश्री की Z+ सुरक्षा को देखते हुए इस घटना को "बेहद संवेदनशील" बताया. मुंबई पुलिस ने इसके तुरंत बाद एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि ड्रोन बीकेसी-खेरवाड़ी बेल्ट में चल रही पॉड-टैक्सी परियोजना के लिए एमएमआरडीए द्वारा किए जा रहे एक अधिकृत सर्वेक्षण का हिस्सा था.
लोगों को बताया क्यों नहीं गया
पुलिस ने बताया कि 8 से 16 नवंबर के बीच अनुमति दी गई थी, और जनता से गलत सूचना से बचने का आग्रह किया. हालांकि, आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया कि अगर यह एक अधिकृत सर्वेक्षण था, तो लोगों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई और यह भी पूछा कि क्या एमएमआरडीए सर्वेक्षण में 'मातोश्री' को ही शामिल किया जाएगा. उन्होंने मुंबई इंफ्रास्ट्रक्चर संस्था की "ज़मीनी स्तर के काम में सुधार के बजाय निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने" के लिए आलोचना की, और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक को "भ्रष्टाचार और खराब तरीके से क्रियान्वित परियोजनाओं" का उदाहरण बताया.
ठाकरे के गुट के आरोप पर क्या बोला शिंदे गुट
इस मामले में शिवसेना (एनाथ शिंदे गुट) की प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने कहा कि विपक्ष बिना वजह ही नाटक कर रहा है. उन्होंने कहा, "एमएमआरडीए के पास पुलिस की उचित अनुमति थी और यह नियमित सर्वेक्षण का काम है, इसमें यूबीटी गुट चुनावों से पहले सिर्फ़ सहानुभूति बटोरना चाहता है. पुलिस से संपर्क करने के बजाय, वे मीडिया के पास पहुंच गए. वे किसी भी चीज़ की जांच नहीं करते, असल वे बस ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं."














