सामना में एक बार फिर की गई सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना रहे कड़ा रुख

यह पहली बार नहीं है जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना ने सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है. आज के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि सीएम फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. (अभिषेक अवस्थी की रिपोर्ट)

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुंबई:

सामना के संपादकीय में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की गई है. इसमें दागी पृष्ठभूमि वाले पीएस और ओएसडी की नियुक्तियों को मंजूरी न देने के लिए सीएम फडणवीस द्वारा अपनाए गए रुख की सराहना की गई है. यह पहली बार नहीं है जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना ने सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है. आज के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि सीएम फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जबकि शिंदे का मुख्य कलेक्टर - अशर प्राइवेट लिमिटेड 10,000 करोड़ लेकर दुबई भाग गया है.

संपादकीय में आगे दावा किया गया है कि डीसीएम एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस के रुख की शिकायत करने के लिए सुबह 4 बजे पुणे में अमित शाह से मुलाकात की थी.

सामना के संपादकीय में क्या लिखा है?

  • देवेंद्र फडणवीस ने शासन में अनुशासन लाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार का गटर बहता रहा जिसके चलते महाराष्ट्र जैसे राज्य की राजनीति सड़ गई और आर्थिक अनुशासनहीनता चरम पर पहुंच गई.
  • ताजा खबर यह है कि शिंदे के मुख्य कलेक्टर आशर प्रा. लिमिटेड दस हजार करोड़ रुपए लेकर दुबई भाग गए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में गंदगी फैलाने वाले इन सभी गंदे नालों को साफ करने का फैसला किया है. 
  • मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस ने एक और महत्वपूर्ण काम किया. मंत्रियों के ‘पीए' और ‘ओएसडी' नियुक्त करने की शक्तियां छीन लीं हैं. मंत्रियों द्वारा ‘पीए' और ‘ओएसडी' के जो नाम पास करने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजे गए थे उनमें से 16 नाम मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर नकार दिए. क्योंकि ये 16 लोग पिछली शिंदे सरकार में मंत्रियों के ‘ओएसडी' बनकर दलाली और फिक्सिंग कर रहे थे. इन सभी ‘फिक्सर्स' को मुख्यमंत्री फडणवीस ने खारिज कर दिया. ‘फिक्सर' की नियुक्ति नहीं होने देने की मुख्यमंत्री की भूमिका उचित है. अब यह बात सामने आई है कि इन 16 फिक्सरों में से 12 फिक्सरों का सुझाव शिंदे गुट के मंत्रियों ने दिया था.
  • ठेकेदार संगठनों का कहना है कि सरकारी कार्यों का करीब 90 हजार करोड़ रुपए बकाया है. इस 90 हजार करोड़ में से 25 हजार करोड़ रुपए ‘दलाली' के तौर पर लिए जा चुके हैं. (अभिषेक अवस्थी की रिपोर्ट)
Featured Video Of The Day
Noida में 'जानलेवा गमलों' को दीवार से हटाने का आदेश, NDTV ने चलाई थी 'बालकनी से गमले हटाओ' मुहिम
Topics mentioned in this article