- महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने चंद्रशेखर बावनकुले के फोन सर्विलांस वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई
- अनिल देशमुख ने कहा कि बिना अनुमति किसी भी व्यक्ति का फोन सर्विलांस पर नहीं डाला जा सकता है और यह गैरकानूनी है
- देशमुख ने बताया कि फोन सर्विलांस के लिए एडिशनल सेक्रेटरी (होम) की अनुमति आवश्यक होती है
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के मंत्री तथा भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले के बयान पर घोर आपत्ति जताई है. बावनकुले के कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप पर सर्विलेंस वाले बयान पर अनिल देशमुख ने कहा, मैंने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ मंत्री बावनकुले का बयान सुना, और उन्हें इतना अज्ञान है, राज्य में मंत्री होते हुए किसी मंत्री को इतना अज्ञान हो सकता है?
उन्होंने कहा, कोई भी किसी का भी फोन निगरानी (सर्विलांस) पर नहीं डाल सकता, और वह सीनियर मंत्री हैं और कहते हैं कि हम फोन सर्विलांस पर डाल देंगे, इस तरह से काम नहीं हो सकता. अगर फोन सर्विलांस पर डालना हो तो एडिशनल सेक्रेटरी (होम) की अनुमति लेनी पड़ती है, उनकी अनुमति लिए बिना या किसी की भी अनुमति लिए बिना नहीं डाला जा सकता. मुझे आश्चर्य है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
2019 में राज्य के सीनियर आईपीएस अधिकारियों ने कांग्रेस के अन्य नेताओं के फोन टैप किए थे, मैंने उस समय गृह मंत्री रहते हुए इसकी जांच बिठाई थी इसलिए, बावनकुले साहब सीनियर मंत्री हैं, उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, थोड़ी जानकारी लेकर बयान देना चाहिए.
पार्टी के भीतर भी सर्विलांस नहीं किया जा सकता, अपनी पत्नी का फोन भी सर्विलांस पर नहीं लगाया जा सकता, इसलिए बावनकुले साहब को इस तरह की अज्ञानता नहीं दिखानी चाहिए.














