महाराष्ट्र के पालघर में दो बच्चों की समझदारी से दो लोगों की जान बच गई. अब इन बच्चों की जमकर तारीफ हो रही है. पालघर के स्कूल में पढ़ने वाले भाई-बहनों ने पिछले महीने एक 10 वर्षीय लड़के और एक डिलीवरी एजेंट की जान बचाई. दरअसल बच्चों के सामने ही बिजली का तार टूटकर बगल की इमारत के गेट पर जा गिरा था. बच्चों ने जैसे ही तार को गेट पर गिरा देखा उन्हें तुरंत लोगों को इस बारे में बता दिया, जिस वजह से लोगों की जान बच गई. दोनों भाई-बहनों को उनकी समझदारी और लोगों की जान बचाने के लिए जिला कलेक्टर गोविंद बोडके और पुलिस अधिकारियों ने सम्मानित किया है.
होमवर्क करते वक्त ही खतरे को भांपा
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 12 वर्षीय स्मित भंडारे और नौ वर्षीय बहन संस्कृति का परिवार 25 अगस्त को दोपहर का भोजन करने की तैयारी कर रहा था. जिस वक्त घर में खाना खाने की तैयारी हो रही थी, उसी वक्त स्मित अपना होमवर्क कर रहा था और उसकी बहन संस्कृति घर में खेल रही थी. उनकी मां कल्पना रसोई में थीं और पिता दर्शन, जो विज्ञान शिक्षक हैं, वो फ्रेश हो रहे थे. इसी दौरान भाई-बहनों ने तेज आवाज सुनी. वे रुषभ अपार्टमेंट में अपने दूसरे मंजिल के फ्लैट की बालकनी में भागकर गए.
करंट की चपेट में आने से बचाने के लिए किया ये काम
जहां उन्होंने देखा कि बारिश और हवा के दौरान पास के खंभे से एक हाई वोल्टेज बिजली का तार टूट गया था और बगल की वसंत विहार इमारत के गेट पर गिर गया था. स्मित ने बिजली के बारे में जो पढ़ा तो उसे तुरंत वो याद आ गया और उसने तुरंत ही तार से होने वाले खतरे को पहचान लिया. तभी उसने बालकनी से लोगों को गेट में घुसने से रोकने के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया. उनकी बिल्डिंग में रहने वाला 10 वर्षीय मोहम्मद अंसारी वसंत विहार में घुसने ही वाला था कि भाई-बहनों ने उसे चिल्लाकर लोहे के गेट को छूने से रोक दिया.
ऐसे बचाई डिलीवरी एजेंट की जान
इसके थोड़ी देर बाद ही एक स्कूटर पर एक डिलीवरी एजेंट वसंत विहार पहुंचा, जिसे बिजली के तार के बारे में पता नहीं था. भाई-बहनों ने उसे भी देखकर चिल्लान शुरू कर दिया और खतरे के बारे में सचेत किया. मदद आने तक वे लोगों को सचेत करने के लिए छाते लेकर बाहर निकल गए. एमएसईबी अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिजली की आपूर्ति काट दी.