आजादी का शुभ मुहूर्त उज्जैन से निकला था ! जानिए पं. सूर्यनारायण और राजेन्द्र प्रसाद की वो कहानी

देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है पर एक दिलचस्प सवाल ये है कि भारत 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाता है? इसके जवाब में कई राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय समीकरणों का जिक्र हो सकता है लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इससे इतर एक वजह धार्मिक भी है. जी हां आजादी का ऐलान किस शुभ मुहूर्त में हो इसके लिए बकायदा पंचाग से तिथि निकाली गई थी.

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78th Independence Day: देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है पर एक दिलचस्प सवाल ये है कि भारत 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाता है? इसके जवाब में कई राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय समीकरणों का जिक्र हो सकता है लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इससे इतर एक वजह धार्मिक भी है. जी हां, आजादी का ऐलान किस शुभ मुहूर्त में हो इसके लिए बकायदा पंचाग से तिथि निकाली गई थी. इस तिथि और शुभ मुहूर्त को प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के कहने पर मध्यप्रदेश के उज्जैन निवासी पद्मभूषण पंडित सूर्यनारायण व्यास ने निकाला था. क्या है इसकी कहानी जानिए इस रिपोर्ट में

भारत की आजादी के मूहर्त का चौघड़िया जिसे पंडित सूर्यनारायण व्यास ने तैयार किया था.

ऐसे बनी आजाद भारत की कुंडली

दरअसल साल 1946 के अंतिम दिनों में ये तय हो गया था कि भारत अपनी गुलामी की बेड़ियों से आजाद होगा. ये भी तकरीबन तय था कि पं. जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बनेंगे. यहीं पर पद्मभूषण पंडित सूर्यनारायण व्यास की एंट्री होती है. डॉ राजेन्द्र प्रसाद आध्यात्मिक झुकाव वाले शख्स थे. उन्होंने अपने भरोसेमंद गोस्वामी गणेश दत्त महाराज के जरिए मशहूर क्रांतिकारी, ज्योतिषी और लेखक पं. व्यास को दिल्ली बुलवाया. उन्होंने पंडित व्यास से पूछा- आजादी के लिए हमें अंग्रेजों से दो तारीखें मिली हैं. एक 14 अगस्त और दूसरा 15 अगस्त. ऐसे में ज्योतिषीय गणना के मुताबिक किस दिन भारत को पहला स्वतंत्रता दिवस मनाना चाहिए? इसके बाद प. व्यास ने पंचांग देखा और बताया कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार 14 अगस्त के दिन कुंडली में लग्न (कुंडली का पहला स्थान) अस्थिर वाला है इसलिए भारत को अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाना चाहिए. पं. व्यास की इस सलाह पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने भी मुहर लगा दी.

प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा पंडित सूर्यनारायण व्यास को लिखा गया पत्र

आधी रात को किया पहला ध्वजारोहण

पंडित व्यास के पुत्र और दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक,लेखक राजशेखर व्यास ने बताया कि आजादी का मुहूर्त निकालने के बाद पंडित व्यास ने राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से कहा कि आधी रात को आजादी का समय ले रहे हैं, तो उसी समय में ध्वजारोहण कर लिया जाना चाहिए और स्वतंत्रता के औपचारिक कार्यक्रम सुबह किए जाएं. नतीजतन डॉ प्रसाद के कहने पर पं. नेहरू ने उनकी बात मानते हुए आधी रात में लाल किले पर ध्वजारोहण किया. इसके अलावा पंडित व्यास की सलाह के अनुसार रात को ही संसद भवन धो कर शुद्धिकरण भी किया गया. 

1930 में की थी आजादी की भविष्यवाणी

पंडित व्यास के संबंध में लिखी किताबों के अनुसार 1902 में पं. सूर्यनारायण व्यास का जन्म हुआ. वह 1921 से स्वतंत्रता की लड़ाई में सक्रिय हो गए थे. वे ज्योतिषी होने के साथ-साथ लेखक भी थे. दावा किया जाता है कि साल 1930 में ही उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि भारत अगस्त 1947 में आजाद हो जाएगा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बनेंगे. 1952 में उनका कार्यकाल समाप्त होने पर पं. व्यास ने डॉ. प्रसाद को बताया कि वे दूसरी बार भी राष्ट्रपति चुने जाएंगे. ये बात भी सही साबित होने के बाद डॉ. प्रसाद ने पं. व्यास को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि आपने पहले ही इस संबंध में बता दिया था.

व्यास की बात नहीं मानी थी जिन्ना ने

खास बात यह है कि भारत की आजादी ओर पाकिस्तान के गठन 14-15 अगस्त को तय होने पर जब प. व्यास ने मुहूर्त देख चेताया था कि 14 अगस्त को पाकिस्तान बना तो संभवतः वह हमेशा अस्थिर रहेगा, क्योंकि उस दिन कुंडली में लग्न यानी मेष का लग्न है, साथ ही गुरु भी शत्रु स्थान पर है जो देश को हमेशा अस्थिर रखेगा.लेकिन, मोहम्मद अली जिन्ना पंचाग, मूहर्त नहीं मानते थे. इसलिए उन्होंने 14 अगस्त का दिन पाकिस्तान के लिए चुना.

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