Rashtriya PESA Mahotsav in Visakhapatnam: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पेसा कानून (PESA Act) के स्थापना दिवस के अवसर पर, विशाखापट्टनम में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय पेसा महोत्सव के आयोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से जनजातीय भाई-बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि यह आयोजन जनजातीय स्वशासन, सम्मान और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक कदम है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भारत की पावन भूमि पर आदिकाल से निवास करने वाले जनजातीय समुदाय हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा हैं. उनके अधिकार, स्वाभिमान और स्वशासन को सशक्त करने वाला पेसा कानून सहभागी लोकतंत्र की मजबूत आधारशिला है.
जनजातीय समाज को सशक्त बनाया : सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ने पेसा अधिनियम को संवेदनशीलता और दृढ़ संकल्प के साथ लागू किया है. हमने ग्राम सभाओं के गठन से जनजातीय समाज को सशक्त बनाया है. मध्यप्रदेश का जनजातीय समाज अब, अपने जल-जंगल-जमीन, सामाजिक व्यवस्थाओं और विकास की प्राथमिकताओं पर स्वयं निर्णय लेकर स्वशासी समुदाय के रूप में आगे बढ़ रहा है. यह पेसा कानून की भावना और संविधान की आत्मा का सजीव उदाहरण है. मध्यप्रदेश सरकार जनजातीय भाइयों-बहनों के हितों, संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए सदैव कृत संकल्पित है.
पेसा अधिनियम के अंतर्गत 3 प्रकार की समितियां कर रहीं हैं काम
पेसा अधिनियम के तहत प्रदेश के 88 विकासखंडों में तीन प्रकार की समितियां काम रही है. इसमें शांति और विवाद निवारण समिति, सहयोगिनी मातृ समिति और वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति शामिल है. प्रदेश में शांति और विवाद निवारण समिति की संख्या 11 हजार 639 है. वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति की संख्या 11 हजार 331 है, जबकि सहयोगिनी मातृ निवारण समिति की संख्या 21 हजार 887 है.
देश के 10 राज्य में हो रहा है पेसा एक्ट का क्रियान्वयन, मध्यप्रदेश है अग्रणी
देश के 10 राज्यों में पेसा एक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है. पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सफलता की कहानियों को लेकर एक पुस्तिका भी निकाली गई है जिसमें मध्यप्रदेश की दो कहानियों को शामिल किया गया है. इस वजह से मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.
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