मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस चुनाव में ‘वोट चोरी’ का संग्राम, बीजेपी के आरोप, कांग्रेस के भीतर भी उठे सवाल

इस मामले में एक उम्मीदवार ने अपना नाम न बताने की शर्त पर NDTV से बातचीत में गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा “कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. अगर ओवरएज वोटिंग हुई है तो उसे मान्यता क्यों दी जा रही है? आपके हैंडबुक में लिखा है कि 1990 से पहले जन्मे लोग वोट नहीं डाल सकते, लेकिन हमने तीन-चार सबूत दिए हैं. इसमें पारदर्शिता कहां है?

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  • MP यूथ कांग्रेस चुनाव में अनियमितताओं और वोट चोरी के आरोपों ने चुनाव परिणामों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए
  • चुनाव में 8 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ और 8.5 लाख वोट रिजेक्ट या होल्ड किए जाने की बात सामने आई है
  • भाजपा नेता विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर ओवरएज वोटिंग और वोटिंग प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं
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भोपाल:

मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के चुनाव, जो पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने के लिए आयोजित किए गए थे, अब बड़े विवाद में बदल गए हैं. बीजेपी ने कांग्रेस पर ‘वोट चोरी' का आरोप लगाया है. वहीं खुद कांग्रेस के कई युवा नेता भी चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं. 6 नवंबर को घोषित नतीजों में जबलपुर विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया को अध्यक्ष पद के लिए सबसे अधिक 3,13,730 वोट मिले. भोपाल के अभिषेक परमार को 2,38,780 वोट और देवेंद्र सिंह दादू तीसरे स्थान पर रहे लेकिन यह जश्न ज्यादा देर तक नहीं टिका. अनियमितताओं, वोट हेराफेरी और उम्र सीमा उल्लंघन के आरोपों ने पूरे परिणामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इस मामले में एक उम्मीदवार ने अपना नाम न बताने की शर्त पर NDTV से बातचीत में गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा “कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. अगर ओवरएज वोटिंग हुई है तो उसे मान्यता क्यों दी जा रही है? आपके हैंडबुक में लिखा है कि 1990 से पहले जन्मे लोग वोट नहीं डाल सकते, लेकिन हमने तीन-चार सबूत दिए हैं. इसमें पारदर्शिता कहां है? हमारे 8.30 लाख वोट रिजेक्ट कर दिए गए. अब हम वोटर लिस्ट की मांग कर रहे हैं. इस पूरे चुनाव में 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है. यह सिर्फ मेरा आरोप नहीं है ब्लॉक स्तर तक से शिकायतें आ रही हैं. 4,000 से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव में उतरे थे और ज्यादातर का कहना है कि उनके वोट डाले गए लेकिन अपने आप गायब हो गए या रिजेक्ट कर दिए गए. हमने संगठन से पूछा, तकनीकी टीम से मीटिंग की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अभी तक अध्यक्ष का नाम आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ, लेकिन होर्डिंग्स और पोस्टर लग गए हैं वो भी उस व्यक्ति के जो कभी यूथ कांग्रेस में नहीं रहा. सब पहले से सेट था.”

मध्यप्रदेश के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर 8 करोड़ रुपये की वोट चोरी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने यूथ कांग्रेस का चुनाव करवाया. करीब 15 लाख युवाओं ने 50 रुपये की सदस्यता फीस दी यानी 7.5 करोड़ रुपये जुटाए गए. नामांकन शुल्क से 1 करोड़ और मिला. कांग्रेस ने यह पैसा और वोट दोनों चुरा लिए.”

सारंग ने दावा किया कि मतगणना के दौरान 8.5 लाख वोट ‘होल्ड' या रिजेक्ट कर दिए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि कई ओवरएज सदस्य भी वोट डालते पाए गए. कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा “विदिशा के संतोष सिंह की उम्र 44 साल है और अंजुम खान की 36. दोनों ने वोट डाला जबकि यह ‘यूथ' चुनाव है. क्या राहुल गांधी इस दोहरेपन का जवाब देंगे?”  उन्होंने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी' अभियान पर तंज कसते हुए कहा “जो व्यक्ति हर मंच पर लोकतंत्र खतरे में होने की बात करता है, उसने अपनी पार्टी में ही सबसे गैर-लोकतांत्रिक चुनाव कराए हैं.”

कांग्रेस के भीतर भी असंतोष उभर रहा है. कई यूथ कांग्रेस नेता राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं और धांधली की शिकायत कर सकें. राजगढ़ जिले से उम्मीदवार शिव दांगी ने NDTV को बताया कि उन्होंने और उनकी टीम ने 17,490 युवाओं की सदस्यता फीस खुद भरी, जिसमें करीब 9 लाख रुपये खर्च हुए और चुनावी अभियान में चाय-नाश्ता, पेट्रोल-डीजल जैसे खर्चों को जोड़ें तो कुल 20 लाख रुपये तक खर्च हो गए. इसके बावजूद, उनके हजारों वोट ‘होल्ड' या अमान्य कर दिए गए.

यूथ कांग्रेस के रिकॉर्ड के मुताबिक, सदस्यता प्रक्रिया 18 अप्रैल से शुरू हुई थी. सदस्यता ऑनलाइन ऐप के माध्यम से 50 रुपये फीस के साथ की गई. 20 जून से 19 जुलाई के बीच 15,37,527 युवाओं ने फॉर्म भरे, जिनमें से 63,153 ने फीस नहीं दी, यानी 14,74,374 मान्य सदस्यताएं दर्ज की गईं. शीर्ष तीन उम्मीदवारों के इंटरव्यू 9 नवंबर को दिल्ली में हुए लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर नामों का ऐलान नहीं हुआ है, इसके बावजूद, कई जिलों में यश घनघोरिया को अध्यक्ष बताते हुए पोस्टर और बैनर लगाए जा चुके हैं जिसे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार ‘पहले से तय खेल' बता रहे हैं.

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