New Dial 112 Service Launched: मध्यप्रदेश में 14 अगस्त 2025 से डायल 100 की जगह डायल 112 सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें अधिक अत्याधुनिक तकनीक और बेहतर रिस्पॉन्स की सुविधा होगी. नई बोलेरो नियो गाड़ियां राज्यभर में तैनात की जाएंगी और अब कॉल करने पर शिकायतकर्ता की लोकेशन भी जीपीएस से ट्रैक की जा सकेगी. डायल 100 के 10 सालों के सफर को अब जीवीके कंपनी द्वारा संचालित डायल 112 सेवा आगे बढ़ाएगी. 14 अगस्त से प्रदेशभर में डायल 100 की गाड़ियां (टाटा सफारी) सेवा से बाहर कर दी जाएंगी और 15 अगस्त से डायल 112 सेवा पूरी तरह लागू कर दी जाएगी. डायल 112 में नई बोलेरो नियो गाड़ियां शामिल होंगी, जो तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होंगी और जीपीएस व वायरलेस सिस्टम से लैस रहेंगी.
डायल 112 को मिलेंगी 1200 नई फर्स्ट रिस्पॉन्स गाड़ियां
डायल 112 सेवा के तहत प्रदेश में 1200 नई गाड़ियां फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी. इन गाड़ियों में GPS, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं होंगी. किसी भी इमरजेंसी कॉल पर यह गाड़ियां तेज़ी से मौके पर पहुंचकर पुलिस या एम्बुलेंस जैसी त्वरित मदद उपलब्ध कराएंगी.
नई डायल-112 प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं
- प्रत्येक शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है.
- PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो.
- उन्नत बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स.
- नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने हेतु नंबर मास्किंग समाधान.
- FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर.
- चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग.
- नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स.
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ़्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ.
- FRVs में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था.
2015 में शुरु हुई थी Dial 100 सेवा
01 नवम्बर 2015 में शुरू की गई डायल-100 सेवा भारत की पहली केंद्रीकृत, राज्य-व्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली थी, जिसे मध्यप्रदेश सरकार ने अग्रणी रूप से लागू किया. इस सेवा का उद्देश्य था कि पूरे राज्य—चाहे शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र—में संकट की स्थिति में नागरिकों को त्वरित, प्रभावी और तकनीक-सक्षम पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जा सके. इस प्रणाली का केंद्र बिंदु भोपाल स्थित अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर था. नागरिक टोल-फ्री नंबर 100 पर कॉल कर सकते थे, जहां प्रशिक्षित कॉल टेकर कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिस्पैच सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निकटतम उपलब्ध डायल-100 प्राथमिक प्रतिक्रिया वाहन (FRV) की पहचान कर उन्हें तुरंत भेजते थे.
Dial 112 Service: मध्य प्रदेश में अब डायल 112 सेवा
इस प्रणाली में 1,000 जीपीएस-सक्षम चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया इकाइयाँ शामिल थीं, जिन्हें मोबाइल फोन और मोबाइल डेटा टर्मिनल्स (MDT) से लैस किया गया था. डायल 112 कॉल सेंटर में आपातकाल में कॉलर की लोकेशन प्राप्त करने के लिए LBS (Location Based System) स्थापित है. अब पुलिस के इमरजेंसी वाहन औसतन लगभग 16 मिनट में मदद चाहने वालों के पास उनके द्वार पहुँच रही है. न्याय जन-जन के दरवाजे तक पहुंचाने का संकल्प डायल -100/112 की मदद से सार्थक हो रहा है.
यह भी पढ़ें : CM Helpline: सी ग्रेड में पहुंचा सतना, कलेक्टर ने लगा दी क्लास; इतने कर्मचारियों का वेतन काटा, नोटिस जारी
यह भी पढ़ें : Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana: बलराम जयंती पर अन्नदाता को सौगात, किसान कल्याण योजना की दूसरी किस्त
यह भी पढ़ें : MP Bhulekh Portal: मध्यप्रदेश भूलेख पोर्टल जीआईएस 2.0 लॉन्च; जानिए नये वर्जन मिलेगी क्या सुविधाएं
यह भी पढ़ें : Tiranga Yatra: शिवराज सिंह चौहान का स्वदेशी मार्च, PoK से लेकर ट्रंप टैरिफ तक केंद्रीय कृषि मंत्री ने ये कहा