कथित सरकारी जमीन पर बने 'चर्च' पर बिना नोटिस के चला बुलडोजर, हिंदूवादी संगठनों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

Buldozar action: हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की. शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और जांच में भवन को कथित रूप से अवैध पाया गया. इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर भवन को जमींदोज कर दिया.

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Buldozar Action in Bilaspur: छत्तीसगढ़ धर्मांतरण (Chhattisgarh Religion Conversion) का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. इसी कड़ी में बिलासपुर जिले में अवैध रूप से बने और कथित रूप से धर्मांतरण में लिप्त चर्च पर प्रशासन ने सोमवार को बिना किसी नोटिस के ही बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया.

बिलासपुर में एक विवादित भवन पर प्रशासन ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की, आरोप के मुताबिक, यह भवन सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के बनाया गया था और लंबे समय से इसे चर्च के रूप में उपयोग किया जा रहा था. दरअसल, हाल ही में इस चर्च में प्रार्थना सभा के बहाने धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित करने का आरोप लगा था.

मौके पर ही जांच के बाद प्रशासन ने चर्च को कर दिया ध्वस्त

इसके बाद हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की. शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और जांच में भवन को कथित रूप से अवैध पाया गया. इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर भवन को जमींदोज कर दिया.

भारी संख्या में पुलिस रही तैनात

कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए भारी पुलिस तैनात रही. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इस भवन में लंबे समय से गुपचुप तरीके से धर्मांतरण की गतिविधियां चलाई जा रही थी. इसको लेकर कई बार आपत्ति जताई गई थी, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर निर्णायक कार्रवाई अब जाकर की गई है.

हिंदू संगठनों ने प्रशासन के फैसले को सराहा

हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन व पुलिस की सख्ती की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अवैध निर्माण और गतिविधियों पर रोक लगाना बेहद जरूरी है. वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा या निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस कार्रवाई से इलाके में चर्चा का माहौल है और लोग इसे प्रशासन की कड़ी कार्रवाई का उदाहरण मान रहे है.

'चर्च नहीं, हमारा मकान था'

वहीं, इस पूरे मामले पर आकाश खरे ने बताया कि जिस मकान को बुलडोजर से तोड़ा गया, वह मेरे बड़े भाई महावीर सूर्यवंशी का घर है. ये चर्च नहीं, मकान है. पिछले 8 साल से हम सभी यहां रह रहे हैं. सभी घर सरकारी जमीन पर हैं. पहले कच्चे मकान में रह रहे थे, लेकिन एक-एक पैसा जोड़कर पक्का मकान बनाया, जिसे अब प्रशासन ने तोड़ दिया है.

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आनन-फानन में तोड़ दिया गया घर

आकाश ने कहा-हम यीशु मसीह को मानने वाले लोग हैं. उन पर विश्वास करते हैं. महारे आप-पास चर्च नहीं है, तो घर में ही परिवार के सभी लोग प्रार्थना करते हैं. 3 परिवार के लोग प्रार्थना कर ही रहे थे, तभी पुलिस और प्रशासन की टीम आई और बिना नोटिस दिए बुलडोजर से घर को तोड़ दिया. पंचायत के लोगों ने गालियां दीं. घर में महिलाएं, बच्चे थे, जिनके साथ सभी के सामने बदसलूकी की गई. क्या गरीब का मकान तोड़कर इनको अच्छा लग रहा है.

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'गांव में और भी हैं अवैध घर, सिर्फ मेरा ही क्यों तोड़ा'

आकाश खरे ने बताया कि गांव के सभी लोग जब सरकारी जमीन पर घर बना रहे थे, तभी हम लोगों ने भी घर बनाया, लेकिन सिर्फ बड़े भाई के मकान को ही प्रशासन ने तोड़ा. ग्राम पंचायत और संगठन के लोग सिर्फ हमारे ही घरों के विरोध में हैं, बाकि लोगों के भी घर हैं, उनका विरोध नहीं है. 

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