Yogasan : अगर आप कब्ज, अपच से परेशान हैं तो अब से करिए ये आसान 4 योगासन

Metabolism : आज हम आपको यहां पर कुछ ऐसे आसान योग बताने जा रहे हैं, जिसको करने से आपका पेट मजबूत बना रहेगा.

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Upset Stomach : पेट की खराब सेहत के लिए आपको नियमित रूप से योगासन करना शुरू कर देना चाहिए.
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  • पवनमुक्तासन करने से अपच की समस्या नहीं होती है.
  • वक्रासन भी गैस की परेशानी से निजात दिलाएगा.
  • वृक्षासन से भी गैस, एसिडिटी की परेशानी नहीं होती है.
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Yoga for constipation : कब्ज, गैस और अपच की समस्या हर किसी को होती है. कभी जब हम कुछ तला भुना या तेल मसाले वाला भोजन कर लेते हैं, तो पेट पचा नहीं पता जिसके चलते गैस या उल्टी होने लगती है. लेकिन कुछ लोग का हाजमा हद से ज्यादा खराब रहता है, जिसके चलते उन्हें हर दूसरे तीसरे दिन पेट की तकलीफ बनी रहती है. ऐसे में समझ नहीं आता है कि क्या ऐसा खाएं जो उनके पेट ( Upset Stomach) के लिए अच्छा हो. आज हम आपको यहां पर कुछ ऐसे आसान योग (yogasan) बताने जा रहे हैं, जिसको करने से आपका पेट (metabolism) मजबूत बना रहेगा.

अपच, कब्ज के लिए योगासन | yogasan for constipation

पवनमुक्तासन | Pawanmuktasan

यह आसन पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है. यह मेटबॉलिज्म को बहुत मजबूत बनाता है. साथ ही यह आसन शरीर के पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायक होता है. 

पश्चिमोत्तानासन | Paschimouttanasan

यह आसन आपके दिमाग को शांत रखता है और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है. इससे तनाव भी दूर होता है. इसके अलावा इस आसन को करने से उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और बांझपन, कोलेस्ट्रोल,मधुमेह, बढ़े हुए पेट, मोटापा, कमर दर्द , पांवों में मोच, कूबड़, ब्रह्मचर्य रक्षा में अत्यंत लाभदायक है. यह आसन तीन सेट 10-10 सेकेंड करना चाहिए.

वृक्षासन | Vrikshasana

यह आसन आपकी रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है. इसके लिए आपको पहले सीधे खड़े हो जाना है. फिर दाएं पैर को बाएं पैर की जांघ पर रखकर अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाकर दोनों हथेलियों को जोड़ लीजिए. अब 30 से 35 सेकेंड के लिए उसी अवस्था में खड़ा रहना है. इससे एसिडिटी की समस्या से भी निजात मिलती है.

वक्रासन | Vakrasan

इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और पैर मजबूत होता है. साथ ही यह आसन कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाता है. इसके अलावा यह आसन नियमित रूप से करने से शरीर लचीला बनता है और विशेष रूप से कूल्हे और रीढ़ की हड्डी. इसके साथ ही यह आसन कंधे और गर्दन के लिए भी फायदेमंद होता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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