Yoga for acidity : क्या होता है कि कभी-कभी हम अपनी पसंदीदा डिश देखकर खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और भूख से ज्यादा खा लेते हैं. जिसके चलते पेट से संबंधित कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं. एसिडिटी, ब्लोटिंग, ऐंठन आदि. हालांकि आपको ऐसी समस्या से रूबरू ना होना पड़े सबसे पहले तो आप ओवरईटिंग (over eating) करने से बचें. दूसरा इस समस्या से छुटकारा पाने का कुछ योगासन (yogasan) है जिसे करके आप फार्ट (fart) की परेशानी से जल्द आराम मिल जाएगा. तो चलिए जानते हैं 4 योगासन.
ओवरईटिंग ठीक करने के योगासन
उत्तान शीशोसन | uttansishosanसबसे पहले आप वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं, फिर दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं. फिर सांस को छोड़ते हुए हाथों का नीचे की तरफ ले आएं और आगे की और झुकाएं. जब आप दोनों हाथों को नीचे की ओर ले आएं तो अपने शरीर के पिछले भाग को ऊपर की ओर उठाएं. ऐसा करते वक्त आपके पैर सीधे होने चाहिए. इसके अलावा आपका सिर जमीन पर दोनों हाथों के बीच में होना चाहिए. इस मुद्रा में आप 1 मिनट तक रहें.
यह आसन मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी है. यह योगासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होती है. इसे करने के लिए आपको पेट के बल लेट जाना है फिर दोनों घुटनों को मोड़कर पेट के पास लाएं फिर अपने हाथों से पंजों को पकड़ें.इसके बाद सिर, ब्रेस्ट और थाई को ऊपर की ओर उठाएं. अपने शरीर का वेट पेट के निचले हिस्से पर लाने की कोशिश करें और शरीर को आगे की और स्ट्रेच करने की कोशिश कीजिए. इस पोज में आप 20 सेकेंड तक रह सकते हैं. इससे पेट भी मजबूत होता है.
बुद्धकोनासन | Buddhakonasanaयह आसन पेट और किडनी को सेहतमंद बनाए रखने में सहयोग करता है. इसलिए ये योग उनके लिए सबसे बेहतर है जिन्हें खराब पेट और किडनी की परेशानी है. उन्हें तो इसको अपने फिटनेस रूटीन में तो जरूर शामिल कर लेना चाहिए.
यह आसन आपकी रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है. इसके लिए आपको पहले सीधे खड़े हो जाना है. फिर दाएं पैर को बाएं पैर की जांघ पर रखकर अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाकर दोनों हथेलियों को जोड़ लीजिए. अब 30 से 35 सेकेंड के लिए उसी अवस्था में खड़ा रहना है. इससे एसिडिटी की समस्या से भी निजात मिलती है.
अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.