Yoga for hip pain : लगातार बैठकर या एक ही पोजीशन में काम करने से मांसपेशियों (muscles) में जकड़न और दर्द होना बेहद कॉमन है. पीठ, कमर और कूल्हों में दर्द की वजह से इससे पीड़ित व्यक्ति रोजमर्रा के काम भी ठीक तरह से नहीं कर पाता. ये दर्द उठना-बैठना भी मुश्किल कर देता है. इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ योगा मुद्राएं (yogasana) कारगर साबित हो सकती हैं. इनका अभ्यास कर आप कूल्हे के दर्द से कुछ दिनों में राहत पा जाएंगी.
कूल्हे के दर्द से राहत देंगे ये आसन
अधोमुख श्वानासन | Downward-Facingअधोमुख श्वानासन पैर की नसों, कूल्हों की मांसपेशियों और हाथों में खिंचाव लाने के लिए बहुत ही कारगर आसन है. इस आसन के अभ्यास से कूल्हों में फ्लेक्सिबिलिटी आती है. कूल्हों के साथ ही पीठ के दर्द में भी इस आसन से राहत महसूस होती है.
- सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए जमीन की ओर झुकें.
- नीचे झुकते हुए अपने घुटने और हाथों को एकदम सीधा रखें. आपको अपनी स्थिति धनुष के आकार की रखनी है.
- हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए गहरी लंबी सांस लें और अपने कूल्हों पर जोर डालें.
अपने हाथों को पूरी तरह से जमीन पर टिका दें और अपने हिप्स को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं.
अपने सिर को नीचे की ओर रखें और पैरों की ओर देखें.
कुछ देर इस पोजीशन में रहें और फिर सामान्य मुद्रा में लौट आएं.
ब्रिज पोज | Bridge Poseब्रिज पोज का अभ्यास करने से मसल्स में खिंचाव आता है, इसके साथ ही पॉश्चर में भी सुधार होता है. इस आसन के अभ्यास से कूल्हों की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है.
-जमीन पर चटाई बिछाकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर पीठ के बल सीधा लेट जाएं.
-पैरों को अपने हिप्स के पास लाएं और हाथों से अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
-अब बॉडी को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं. इस दौरान कंधे को जमीन पर ही रखना है.
-कुछ सेकेंड्स के लिए इसी स्थिति में रहें, इसके बाद सामान्य मुद्रा में लौट आएं.
बालासन | Child Poseबालासन को नियमित करने से घुटनों, टखनों और कूल्हों की मसल्स स्ट्रेच होती है और दर्द से राहत मिलती है. इस आसन को करने से गर्दन के दर्द से भी छुटकारा मिलता है.
कैसे करें-नीचे जमीन पर मैट बिछा कर कूल्हों और एड़ी की मदद से बैठें.
-आगे की ओर झुक जाएं और सिर को जमीन पर स्पर्श करें.
-हाथों को दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए नीचे जमीन पर रख दें.
-अब हल्के से अपने सीने से जांघों पर दबाव डालना है.
-कुछ देर इस स्थिति में बने रहें फिर सामान्य हो जाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.