World Mental Health Day 2024: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं हो रहा तनाव का शिकार, ऐसे चलेगा पता

Signs Of Stress In Children: मानसिक स्वास्थ्य दिवस के दिन जानिए किस तरह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य का रखा जा सकता है ख्याल. कम उम्र में तनाव होने के ये होते हैं लक्षण. 

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World Mental Health Day: हर साल 10 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है मानसिक स्वास्थ्य दिवस.  

World Mental Health Day 2024: आजकल के समय में चाहे काम का प्रेशर हो या फिर निजी जीवन व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है. लेकिन, चिंता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब छोटे बच्चों की मानसिक सेहत (Mental Health) बिगड़ने लगती है. असल में माता-पिता को लगता है कि बच्चे के जीवन में कुछ परेशानी नहीं है लेकिन बच्चों के लिए कई बार स्कूल का दबाव, दोस्तों से लड़ाई, माता-पिता की नजरअंदाजगी और अकेलापन तनाव और अवसाद का कारण बनने लगते हैं. इससे बच्चे की मानसिक सेहत बिगड़ना शुरू हो जाती है. ऐसे में माता-पिता को समय रहते बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है. हर साल 10 अक्टूबर के दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को अपने और अपने आस-पास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग और जागरूक करना है. यहां जानिए किस तरह आप अपने बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं और कैसे तनाव (Stress) के लक्षणों को पहचाना जा सकता है. 

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बच्चों में तनाव के लक्षण | Stress Signs In Children 

हर समय चिड़चिड़ापन 

बच्चे का हर समय चिड़चिड़ा रहना भी तनाव के लक्षणों में शामिल है. बच्चे को कभी भी गुस्सा आ जाना, इरिटेटेड महसूस करना या फिर कभी भी रो देना तनाव का लक्षण हो सकता है. 

सभी से दूरी बनाना 

जब बच्चे परेशान रहते हैं या चिंतित होते हैं तो अपने परिवार और दोस्तों से दूरी बनाने लगते हैं. उन्हें किसी से बात करना या किसी के साथ रहना अच्छा नहीं लगता है. कई बार बच्चे सबके साथ होते हुए भी कोने में अकेले रहना पसंद करते हैं. 

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नींद लेने में दिक्कत 

तनाव के कारण बच्चों को सही तरह से नींद (Sleep) लेने में दिक्कत होने लगती है. बच्चे समय पर सोते नहीं हैं या फिर उन्हें सिर्फ सोने का ही मन करता है. माता-पिता को लगता है कि हर समय सोने की जिद करना आलस के कारण है जबकि यह तनाव या किसी दुख के चलते भी हो सकता है. 

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सिर या पेट में दर्द होना 

मानसिक दिक्कतें शारीरिक रूप से भी परेशान करने लगती हैं. बच्चे को तनाव या चिंता घेरने लगती है तो उनके सिर में या पेट में दर्द रहने लगता है. ऐसे एक नहीं बल्कि कई-कई बार होना शुरू हो जाता है. 

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हर काम के लिए मना करना 

काम का मतलब घर या स्कूल का काम ही नहीं है बल्कि बच्चे खेलने-कूदने, घूमने-फिरने या फिर अपनी पसंद के काम करने से भी मना करने लगते हैं. बच्चों का मन करता है कि वे सिर्फ खुद में ही चुपचाप कहीं बैठे रहें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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