World Listening Day 2024: वर्ल्ड लिसनिंग डे या विश्व श्रवण दिवस को हर साल 18 जुलाई के दिन मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का श्रेय नॉनप्रोफिट ऑर्गेनाइजेशन वर्ल्ड लिसनिंग प्रोजेक्ट को दिया जाता है. साल 2010 से इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई थी. विश्व श्रवण दिवस को मनाने का मकसद अपने आसपास के वातावरण से, समाज से और संस्कृति से सुनने के माध्यम से जुड़ाव महसूस करना है. इस दिन कनेडियन कंपोजर और पर्यावरणविद रेमंड मरे शेफर (Raymond Murray Schafer) का जन्मदिवस भी मनाया जाता है जो अकाउस्टिक इकोलॉजी के फाउंडर भी थे. रेमंड मरे शेफर का जन्म 18 जुलाई, 1933 में हुआ था. उन्होंने अपना वर्ल्ड साउंडस्केप प्रोजेक्ट विकसित किया, जिसने 1970 के दशक में ध्वनिक पारिस्थितिकी के मौलिक विचारों और प्रथाओं को निर्धारित किया था.
हर साल विश्व श्रवण दिवस को मनाने के लिए नई थीम (Theme) रखी जाती है. इसकी थीम साउंड लोस्ट एंड फाउंड, लिसन टू यू और लिसनिंग टू द ग्राउंड भी रह चुकी है. इस साल विश्व श्रवण दिवस की थीम 'लिसनिंग टू द वीव ऑफ साउंड' यानी 'समय की बुनाई को सुनना' है.
सुनना एक कला ही है जिसमें व्यक्ति के पूरे ध्यान की जरूरत होती है, धैर्य की जरूरत होती है. हम जब अपने आसपास के वातावरण को सुनते हैं तो उससे जुड़ाव महसूस करते हैं, संगीत को सुनते हैं तो संगीत की लय में खुद को लयबद्ध महसूस करते हैं और जब किसी व्यक्ति को सुनते हैं तो खुद को उसके और करीब पाते हैं. इस दिन को लेकर जागरूकता फैलाना और सुनने की क्षमता को बढ़ाना भी इस दिन को मनाने के मकसद में शामिल है.
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