World Breastfeeding Week 2023: इस पूरे हफ्ते मनाया जा रहा है विश्व स्तनपान सप्ताह, जानिए वजह और महत्व

World Breastfeeding Week: स्तनपान कराना ना सिर्फ बच्चे बल्कि मां के लिए भी लाभकारी होता है और मां का दूध बच्चे के वृद्धि और विकास के लिए भी आवश्यक है. 

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World Breastfeeding Week History: बच्चे को जन्म से 2 साल तक स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है. 

World Breastfeeding Week 2023: हर साल अगस्त के पहले हफ्ते में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. पूरे सप्ताह मनाए जाने वाले इस इवेंट का मकसद स्तनपान के महत्व को उजागर करना और नवजात शिशु के वृद्धि और विकास पर बात करना है. वैश्विक रूप से इस सप्ताह को मनाया जाता है और विशिष्ट थीम (Theme) चुनकर उसपर काम होता है. इस साल का थीम है, 'लेट्स मेक ब्रेस्टीफीडिंग एंड वर्क, वर्क'. यह थीम कामकाजी महिलाओं के अपने बच्चों को स्तनपान (Breastfeed) कराने और कामकाजी जिंदगी के बीच तालमेल बिठाने से जुड़ा है. इस साल यही कोशिश है कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जागरूक, प्रेरित और उनकी मदद की जा सके जिससे वे स्तनपान के साथ-साथ काम भी सुचारू रूप से कर सकें. 

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विश्व स्तनपान सप्ताह का महत्व 

साल 1991 में स्तनपान के महत्व का प्रचार-प्रसार करने के लिए वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन का संगठन हुआ था. इसके एक साल बाद से ही विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाने लगा. 

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विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का महत्व स्पष्टतौर पर बच्चे को जन्म के बाद स्तनपान कराने की आवश्यक्ता को उजागर करना है. मां का दूध (Breastmilk) बच्चे का पहला आहार होता है और यह बच्चे को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जिन बच्चों को स्तनपान  करवाया जाता है वे बुद्धिमत्ता के टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन दिखाते हैं, उन्हें डायबिटीज और मोटापे की संभावना कम होती है. वहीं, जो माएं बच्चे को स्तनपान करवाती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का खतरा कम देखा गया है. WHO का कहना है कि बच्चे के जन्म के एक घंटे बाद ही उसे स्तनपान करवाना शुरू कर देना चाहिए और शिशु को अगले 6 महीनों तक मां का दूध अच्छे से पिलाना चाहिए. 

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स्तनपान के फायदे बताते हुए डॉ. नीरज अरोड़ा, सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स एंड नियोनाटोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला, का कहना है, "स्तनपान के मां और बच्चे दोनों पर ही लंबे समय तक फायदे देखने को मिलते हैं. यह उसे (बच्चे को) विकास और पोषण देने का प्रकृति का तरीका है. मां के दूध में सभी जरूरी पोषक तत्व, एंटीबॉडीज और एंजाइम्स होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और उसे इंफेक्शंस और बीमारियों से दूर रखते हैं." 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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