Relationship Tips: अक्सर शादीशुदा कपल्स के मन में एक सवाल होता है कि वाइफ को अपने हसबैंड की किस साइड में सोना चाहिए,बाईं तरफ या दाईं तरफ? कुछ लोग अपने कम्फर्ट के हिसाब से साइड चुन लेते हैं लेकिन रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की साइड से भी बहुत कुछ झलकता है. इससे आपके रिश्ते की भावनाओं और आपके आपसी तालमेल के बारे में पता चल सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इसे लेकर NDTV संग हुई बातचीत के दौरान रिलेशनशिप एक्सपर्ट और मोटीवेशनल स्पीकर डॉक्टर सुदीप कोचर ने बताया, वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो बाईं तरफ सोना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है. इससे पाचन सही रहता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. लेकिन सोने की साइड सिर्फ आराम नहीं, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति और रिश्ते की भावना को भी दिखाती है.
डॉक्टर सुदीप बताते हैं, बिस्तर दो लोगों की एनर्जी शेयर करने की जगह होती है. बाईं साइड को शांत और सुकून देने वाली जगह माना जाता है, जबकि दाईं साइड को नेतृत्व और एक्टिवनेस से जोड़ा जाता है.
रिलेशनशिप एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर पत्नी बाईं तरफ सोना पसंद करती हैं, तो ये उनके भावनात्मक जुड़ाव और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है. यानी उन्हें अपने पार्टनर के पास रहकर सुकून महसूस होता है.
वहीं, अगर पत्नी दाईं तरफ सोना पसंद करती हैं, तो यह उनके आत्मविश्वास और खुद फैसले लेने की प्रवृत्ति को दिखाता है. यानी वे अपने रिश्ते में बराबरी और स्वतंत्रता दोनों चाहती हैं.
किस तरफ सोना है ज्यादा सही?इस सवाल का जवाब देते हए डॉक्टर कोचर कहते हैं, सोने के लिए हमेशा वो साइड चुनें जहां आपको सबसे ज्यादा आराम मिले. बीच-बीच में आप साइड बदलकर सो सकते हैं. सोने की पोजीशन से ज्यादा मायने रखता है आपका एक साथ सोना. एक्सपर्ट बताते हैं, कई रिसर्च रिपोर्ट्स के नतीजों में साबित हुआ है कि जो कपल्स एक साथ सोते हैं या हल्का स्पर्श बनाए रखते हैं, वे ज्यादा खुश और संतुष्ट पाए जाते हैं. इसके साथ ही रिलेशनशिप एक्सपर्ट सोने से पहले हमेशा अपने पार्टनर से अपने दिन की जरूरी बातें शेयर करने और हमेशा एक मुस्कान के साथ सोने की सलाह देते हैं.