6 महीने बाद बच्चों को दही देना सही है या नहीं? हर मां को पता होनी चाह‍िए पीडियाट्रिशियन की यह जरूरी सलाह

Curd for 6 Month Old Baby: क्या 6 महीने पूरे होने के बाद बच्चे को दही देना सही है. इस सवाल का जवाब सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. संदीप गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में दिया है. उन्होंने ये भी बताया है कि बच्चों को दही कैसे और कितना देना चाहिए.

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Curd for 6 Month Old Baby: 6 महीने बाद बच्चों को दही देना शुरू करें या नहीं.

Curd for 6 Month Old Baby: बच्चे के 6 महीने पूरे होते ही मांओं के मन में कई नए सवाल उठते हैं, क्या अब सॉलिड फूड शुरू करें, कौन से फल या फूड्स दें और एक बेहद कॉमन सवाल जो हर दूसरी मां पूछती है, 'क्या मैं अपने 6 महीने के बच्चे को दही खिला (Can We Give Curd to 6 Month Baby) सकती हूं.' सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. संदीप गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @dr_sandeep_gupta पर इस सवाल का जवाब दिया है. उनके अनुसार, 6 महीने पूरे होने के बाद आप बच्चे को दही (Pediatrician Advice on Baby Curd Feeding) देना शुरू कर सकते हैं, लेकिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है. आइए जानते हैं दही कब (Best Time to Give Curd to Baby), कैसे और क्यों बच्चे की डाइट में शामिल करनी चाहिए और क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए...

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6 महीने के बच्चे को दही खिलाने के फायदे

1. इम्यूनिटी बढ़ाता है

डॉ. संदीप बताते हैं कि दही सिर्फ एक ठंडा डेयरी प्रोडक्ट नहीं है, बल्कि छोटे बच्चों के लिए यह एक सुपरफूड की तरह काम करता है. दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया (Probiotics) बच्चे की आंतों को हेल्दी रखते हैं और उसकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं.

2. डाइजेशन में मददगार

जब आप बच्चे को पहली बार सॉलिड फूड्स देना शुरू करते हैं, तो उसका पाचन तंत्र धीरे-धीरे एडजस्ट होता है. दही पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और बच्चों को पेट की कई समस्याओं से बचाता है.

3. लूज मोशन और सर्दी-खांसी में राहत

पीडियाट्रिशियन डॉ. संदीप कहते हैं, अगर बच्चे को लूज मोशन हो रहा है या वह बार-बार सर्दी-खांसी से परेशान है, तो दही एक प्राकृतिक इलाज की तरह काम करता है. इससे उसे जल्दी आराम मिल जाता है.

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4. दांत निकलते समय राहत

जब बच्चों के दांत निकल रहे होते हैं, तब वे चिड़चिड़े और बेचैन हो जाते हैं. ऐसे समय में दही उन्हें ठंडक और आराम देता है. यह उनके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. इससे दांत निकलते समय होने वाली परेशानियों से भी राहत मिलती है.

बच्चों को किस तरह का दही देना चाहिए

डॉ. संदीप गुप्ता बताते हैं कि 6 महीने से लेकर 1 साल या उससे बड़े बच्चों को हमेशा फुल क्रीम दूध से बना दही ही देना चाहिए, क्योंकि उसमें हेल्दी फैट्स मौजूद होते हैं, जो बच्चे के वजन और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए जरूरी है. घर पर बना हुआ ताजा दही सबसे अच्छा रहता है. बाजार में मिलने वाला प्रोसेस्ड या फ्लेवर्ड दही बच्चों के लिए सही नहीं है.

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बच्चों की दही में क्या मिलाना चाहिए और क्या नहीं

डॉ. संदीप गुप्ता कहते हैं, '1 साल से छोटे बच्चे के लिए दही देते समय उसमें नमक, चीनी, गुड़ या शहद नहीं मिलाना चाहिए. अगर आप दही को स्वादिष्ट और न्यूट्रिशनल बनाना चाहती हैं, तो उसमें ये फ्रूट्स मैश करके मिला सकती हैं, जैसे पका हुआ केला या पका आम. ये दोनों फल बच्चों को अच्छा पोषण, स्वाद और वजन बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके साथ ही ये दही के साथ मिलकर बच्चे के पेट में अच्छी तरह से डाइजेस्ट हो जाते हैं.'

छोटे बच्चों को दही कितनी मात्रा और कितनी बार देनी चाहिए

एक्सपर्ट्स बताते हैं, शुरू-शुरू में बच्चों को दिन में 1-2 छोटे चम्मच से ही दही देने की शुरुआत करें. इसके बाद धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं, लेकिन 1 साल से पहले तक सीमित मात्रा में ही बच्चों को दें. बच्चों को दही हमेशा कमरे के तापमान पर ही खिलाएं, फ्रिज से निकला ठंडा दही देने से बचें.

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