Parenting: बच्चों की परवरिश में अक्सर ही पैरेंट्स के सामने यह उलझन बनी रहती है कि वे बच्चों की गलतियों पर उन्हें प्यार से समझाएं या फिर उनके साथ सख्त हो जाएं. अगर माता-पिता बच्चे को बिल्कुल भी कुछ नहीं कहते हैं तो बच्चा बदतमीजी (Misbehave) करने लगता है या सही तरह से बात नहीं करता, वहीं बच्चे पर चीखना या चिल्लाना भी कोई ऑप्शन नहीं है. ऐसे में पैरेंट्स को यह समझने में दिक्कत होती है कि बच्चे के साथ परवरिश का कौनसा तरीका आजमाया जाए. खासतौर से बच्चा जब चीखता या चिल्लाता है तो पैरेंट्स का पहला रिएक्शन होता है बच्चे पर चिल्ला देना या उसे जोर से डांटना. लेकिन, पैरेंटिंग कोच (Parenting Coach) की मानें तो यह सेल्फ कंट्रोल खो देने का साइन होता है. पैरेंटिंग कोच अंजु अरोड़ा का कहना है कि जब बच्चा आपसे बदतमीजी करे तो पैरेंट्स को उसपर चिल्लाने के बजाय ये काम करने चाहिए. आप भी जानिए पैरेंट्स को क्या सलाह दे रही हैं पैरेंटिंग कोच.
बच्चा बदमीजी करे तो क्या करना चाहिए | What To Do When Child Misbehaves
पैरेंटिंग कोच का कहना है कि जब आपका बच्चा बदमीजी से बात करता है तो आपको सिर्फ तीन बातों का ख्याल रखना है. अगर बच्चा बुरी तरह से बात करता है तो सबसे बड़ी गलती (Parenting Mistakes) पैरेंट्स यह करते हैं कि वे बच्चे के ऊपर चिल्लाने लगते हैं. यह पैरेंट्स को नहीं करना है. पहला काम जो पैरेंट्स को करना है वह यह है कि आपको रिएक्ट नहीं करना है. अगर बच्चे की बदतमीजी पर पैरेंट्स रिएक्ट करते हैं तो इससे बच्चा भी रिएक्ट करता है और फिर बात बढ़ जाती है. इसके बजाय जब बच्चा बदतमीजी करे तो 20 सैकंड के लिए अपने रिएक्शन को होल्ड करें और उसके बाद आराम से बच्चे से बात करें. इससे बच्चे का इमोशनल ब्रेन काल्म होता है, उसे भी सोचने और अपनी गलती समझने का समय मिलता है.
पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना है कि उन्हें बच्चे के रिएक्शन को पर्सनली नहीं लेना है. बच्चे की रूडनेस या बदतमीजी आपकी तरफ नहीं होती बल्कि इसके पीछे कोई अंडरलाइन वजह हो सकती है, किसी तरह का गुस्सा हो सकता है, स्ट्रेस, प्रेशर या किसी तरह का पियर प्रेशर हो सकता है जो इस तरह बदतमीजी के रूप में आप पर निकल रहा है.
पैरेंटिंग कोच कहती हैं कि आपका गुस्सा होना भी जायज है लेकिन आपको यह भी समझना होगा कि आपका बच्चा गलत नहीं है बल्कि उसका बिहेवियर गलत है. आपको अपने बच्चे से बातचीत के माध्यम से बताना है या उसे कोच करना है कि वह अपने बात करने के तरीके को सुधारे या इस तरह गुस्से में बदतमीजी से बात ना करे.
पैरेंटिंग कोच के दिए ये टिप्स (Parenting Tips) बच्चे के गुस्से को, बदतमीजी या बुरे व्यवहार को बेहतर तरह से हैंडल करने में मदद कर सकते हैं. बस आपको यह ध्यान रखना है कि आपका गुस्सा या रूडनेस बात को और बिगाड़ सकती है. ऐसे में बच्चे से प्यार से डील करना जरूरी होता है.