Parenting Tips: अक्टूबर का महीना खत्म होने को है. इसके साथ ही अब ठंड का एहसास भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. ऐसे में बच्चों की सेहत पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देना जरूरी हो जाता है. बदलते मौसम में अक्सर बच्चे सर्दी-बुखार की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में पैरेंट्स अक्सर घबरा जाते हैं और जल्दी ठीक करने के चक्कर में कई गलतियां कर बैठते हैं. पेडियाट्रिशियन तरुण आनंद ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताया है, जिससे बच्चे की तबीयत और बिगड़ सकती है. आइए जानते हैं वो 7 बातें जो बुखार के दौरान कभी नहीं करनी चाहिए.
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नंबर 1- सिर्फ छूकर नहीं, थर्मामीटर से बुखार चेक करें
कई बार माता-पिता बच्चे को छूकर ही मान लेते हैं कि उसे बुखार है. ऐसा न करें. थर्मामीटर से तापमान नापें. अगर शरीर का तापमान 99°F से ज्यादा है, तभी उसे बुखार मानें.
नंबर 2- अपने मन से एंटीबायोटिक न दें
हर बुखार में एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं होती है. वायरल बुखार में एंटीबायोटिक बेअसर होती है और इससे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही दवा दें.
नंबर 3- दवाओं का कॉम्बिनेशन न दें
एक साथ दो एंटी-फीवर दवाएं देना खतरनाक हो सकता है. केवल वही पैरासिटामोल दें जो डॉक्टर ने बताया है और दो डोज के बीच कम से कम 4 घंटे का गैप रखें.
नंबर 4- बच्चे को जबरदस्ती खाना न खिलाएं
पेडियाट्रिशियन कहते हैं, अगर बच्चा भूखा नहीं है तो जबरदस्ती खिलाने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय उसे हाइड्रेट रखें. उसे ORS, नारियल पानी या सूप दें. अगर बच्चा 6 महीने से छोटा है तो सिर्फ मां का दूध या फार्मूला मिल्क दें.
नंबर 5- जंक फूड से बचाएं
बच्चे की जिद में उन्हें चिप्स या चॉकलेट न दें. बुखार में हल्का और पौष्टिक खाना जैसे दलिया, खिचड़ी, सूप देना ही सही रहता है.
नंबर 6- ठंडे पानी से स्पंज न करें
बुखार कम करने के लिए गुनगुने पानी से स्पंज करें. इसके साथ ही केवल सिर नहीं, बल्कि गर्दन, बगल, पेट, पीठ और जांघों के पास वाले हिस्से पर भी पानी की पट्टी रखें.
नंबर 7- ज्यादा कपड़े न पहनाएं
बच्चे को हल्के और कॉटन के कपड़े पहनाएं. ज्यादा कपड़े पहनाने से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती और बुखार जल्दी नहीं उतरता. पंखा या AC चला सकते हैं, बस ध्यान रखें कि डायरेक्ट हवा बच्चे पर न पड़े.
कब है डॉक्टर को दिखाने की जरूरत?
पेडियाट्रिशियन के मुताबिक, अगर बच्चा 3 महीने से छोटा है और 100.4°F या उससे ज्यादा तापमान है, या अगर उसे बार-बार उल्टी, दस्त, रैश, डिहाइड्रेशन या सुस्ती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
बुखार अपने आप में बीमारी नहीं, बल्कि शरीर का एक संकेत है कि वह किसी इंफेक्शन से लड़ रहा है. सही देखभाल और थोड़ी सावधानी से बच्चा जल्दी ठीक हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.