किस उम्र में, कहां और किससे छिदवाने चाहिए बच्चों के कान? डॉक्टर ने बताया Ear Piercing से पहले मां-बाप जरूर रखें इस बात का ख्याल

Ear Piercing: बच्चों के कान छिदवाने की सही उम्र क्या है और इस दौरान किन बातों का ख्याल रखें? आइए डॉक्टर से जानते हैं इन सवालों का जवाब.

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किस उम्र में छिदवाने चाहिए बच्चों के कान?

Parenting Tips: कान छिदवाना यानी Ear Piercing फैशन से अलग भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है. ज्यादातर मां-बाप छोटी उम्र में ही बच्चों के कान छिदवा देते हैं. हालांकि, बच्चों के लिए यह अनुभव दर्दनाक न हो, साथ ही कान छिदवाते वक्त इंफेक्शन या किसी और तरह  का खतरा न हो, इसके लिए कुछ खास बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी हो जाता है. आइए बच्चों के डॉक्टर से जानते हैं, कान छिदवाने की सही उम्र क्या है, बच्चों के कान किससे छिदवाने चाहिए और इस दौरान किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है.

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किस उम्र में छिदवाने चाहिए बच्चों के कान?

मामले को लेकर फेमस पीडियाट्रिशियन संदीप गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, बच्चों के कान छिदवाने की सबसे सही उम्र 6 महीने के बाद की होती है. हालांकि, अगर आप जल्दी कराना चाहते हैं, तो उम्र कम से कम साड़े तीन साल होनी चाहिए, साथ ही बच्चे को तीन DTP वैक्सीन की डोस लगी हों.

कहां और किससे कराना चाहिए?

डॉ. गुप्ता बताते हैं, कान छिदवाने के लिए हमेशा किसी प्रमाणित डॉक्टर के पास जाएं. इससे अलग आप किसी प्रशिक्षित पेशेवर से भी करा सकते हैं लेकिन इसके लिए उनका तरीका सही होना चाहिए. लोकल ज्वेलर्स या पारंपरिक तरीके अपनाने से इंफेक्शन का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ ही बच्चे के कान में गलत तरीके से छेद हो सकता है, जिससे दर्द, सूजन या लंबे समय तक परेशानी हो सकती है. 

कान छिदवाने से पहले क्या करें?

इस सवाल को लेकर डॉक्टर बताते हैं, कान छिदवाने से पहले आप बच्चे के कान पर नमिंग क्रीम लगा सकते हैं या थोड़ी देर बच्चे के कान पर बर्फ से मालिश कर सकते हैं. ऐसा करने से कान सुन्न हो जाएगा, तो मासूम को उतना दर्द नहीं होगा.

कान छिदवाने के बाद देखभाल कैसे करें?
  • सबसे पहले ध्यान रखें कि बच्चे को जो स्टड या बालियां पहनाई जा रही हैं, वे हाइपोएलर्जेनिक हो. आप गोल्ड, सिल्वर या सर्जिकल स्टील वाली बाली पहना सकते हैं.
  • बच्चे के कान में बाली को कम से कम 6 हफ्ते तक रखें, ताकि छेद बंद न हो.
  • छेद वाली जगह को 6 हफ्तों तक दिन में दो बार एंटीसेप्टिक से साफ करें.
  • बच्चे के हाथों को साफ रखें ताकि वह कान को छूकर संक्रमण न फैला दे.
  • किसी भी तरह की लालिमा, मवाद या सूजन दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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