Health issues in child : मोटापा, शुगर, तनाव जैसी बीमारियां पहले बड़ों में होती थीं. वो भी कहीं 40 की उम्र पार करने के बाद लेकिन अब ऐसा नहीं है. यह सभी परेशानियां सिर्फ बड़े बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है, छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए हैं. जिसके पीछे का कारण शारीरिक गतिविधियों (physical activity) को कम होना और अनहेल्दी खान पान. जब से टीवी और स्मार्टफोन (smart phone) ने लोगों के जीवन में दस्तक दी है तब से बच्चों का ज्यादा समय इसी के साथ बीतता है. क्योंकि उनके मनोरंजन के सभी साधन उस पर उपलब्ध होते हैं, गेम, कार्टून, फिल्म्स आदि. ऐसे में वो बाहर पार्क और गली मोहल्लों में बहुत कम ही देखने को मिल रहे हैं खेलते. वहीं, खान पान की बात करें तो उन्हें चाइनीज, जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर ही पसंद आता है. उन्हें हरी सब्जियां और फल खिलाने में मां बाप को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है.
ऐसे में मां-बाप को इन दोनों ही बातों पर गौर करने की जरूरत है ताकि वे उन्हें ऐसी लाइफस्टाइल से बाहर निकाल सकें. वरना बच्चे को ऊपर बताई गई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से कोई नहीं रोक पाएगा. यहां पर कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं जिनसे आप अपने बच्चों को हेल्दी रखने में कामयाब हो जाएंगे.
बच्चों की रूटीन रखें ऐसे
- अपने बच्चों को स्कूल खिला-पिलाकर ही भेजें. आप उन्हें पोहा, इडली, ऑमलेट या फिर मिल्क शेक और सूखे मेवे खाने को दें. इससे वह पूरे दिन एनर्जेटिक रहेंगे.
-लंच में उन्हें दाल चावल, सलाद, रोटी सब्जी देने की कोशिश करें. इससे बच्चों को संपूर्ण पोषक तत्व मिल जाएगा.डिनर में उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन दें.
- जब बच्चा स्कूल से लौटे तो उसे फ्रूट्स, सैंडविच जैसी चीजें खाने को दें. और सोने से पहले मोबाइल बिल्कुल ना दें. जितना हो सके उन्हें इन सबसे दूर रखें. रात में उन्हें दूध पिलाकर ही सुलाएं.
- और सुबह शाम व्यायाम जरूर करने को कहें. मोबाइल के साथ खेलने के बजाए उन्हें पार्क में दोस्तों के साथ भेजें खेलने. इससे वह सामाजिक बनेगा. इन सब पर ही बच्चे की अच्छी इम्यूनिटी और हाइट निर्भर होती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.