Halloween 2023 : हैलोवीन का नाम सुनते ही दिमाग में भूत प्रेत की तस्वीरें चलना शुरू हो जाती हैं. हर साल यह डरावना त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. हैलोवीन जिसे ऑल हैलोज डे के नाम से भी जाना जाता है. हैलोवीन से एक दिन पहले को ऑल हैलोज ईव के नाम से जाना जाता है. हैलोवीन गर्मियों के अंत और सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक है. यह आमतौर पर यूरोप और अमेरिका में मनाया जाता है. हालांकि, अब इस पर्व को भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है.
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हैलोवीन का इतिहास
हैलोवीन समहिन का एक सेल्टिक त्योहार है जिसकी शुरुआत आयरलैंड, इंग्लैंड और उत्तरी फ्रांस में हुई थी. हैलोवीन के मौके पर, लोग डरावनी ड्रेसेज पहनते हैं, ट्रिक या ट्रीट खेलते हैं, कद्दू से बना ड्रिंक पीते हैं, अपने घरों को लालटेन और डरावनी थीम से सजाते हैं.
हैलोवीन का इतिहास प्राचीन सेल्टिक और रोमन परंपराओं से मिलता है. प्राचीन काल में, सेल्ट्स गर्मियों के खत्म होने और सर्दियों की शुरुआत की खुशी में 31 अक्टूबर की रात को सेल्टिक त्योहार समहेन मनाते थे. लोगों का मानना था कि इस रात को मरे हुए लोगों और जीवित लोगों के बीच कोई सीमा नहीं होती. बुरी आत्माएं आसानी से धरती पर आ सकती हैं. इसीलिए वे डरावनी वेशभूषा पहनते थे और बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए अलाव जलाते थे.
हैलोवीन का मुख्य महत्व बुराइयों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करना है. यह ऑल सेंट्स डे के ईसाई त्योहार के साथ मेल खाता है.
कद्दू से क्या है रिलेशन?
इस दिन कद्दू पाई, कद्दू ब्रेड, पॉपकॉर्न, पौंड केक, कद्दू की प्यूरी के साथ भरा हुआ रामेकिन्स, भुने हुए कद्दू के बीज और स्वीट कार्न का केक आत्माओं के लिए तैयार किया जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.