क्या आपको हाई टी और लो टी के बीच अंतर पता है, अगर नहीं...तो जानिए यहां

Tea facts : आज हम चाय से जुड़े इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं, जिससे आपकी जिज्ञासा शांत होगी...

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दोपहर के समय पार्लर और बगीचे में बैठकर आराम से चाय की चुस्की लेना हाई टी (High tea) कहा जाता है.

High tea vs low tea : हाई टी और लो टी कहते हुए लोगों को जरूर सुना होगा. जिसे सुनने के बाद आपके दिमाग में जरूर इनका मतलब जानने की उत्सुकता होती होगी, आखिर इनका मतलब ( (Meaning of high tea & low tea) क्या होता है. तो आज हम चाय से जुड़े इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं, जिससे आपकी जिज्ञासा शांत होगी. चुकंदर फेस पैक से खिलेगा चेहरा, जानिए इसको बनाने का 2 अलग-अलग तरीका

हाई टी और लो टी के बीच अंतर

दोपहर (Afternoon tea) के समय पार्लर और बगीचे में बैठकर आराम से चाय की चुस्की लेना हाई टी कहा जाता है. लो टी के सुबह के नाश्ते और रात के 8 बजे के खाने के बीच लंबे अंतराल के बीच लिया जाता है.

भारत में चाय का इतिहास - history of tea in India

भारत में चाय अंग्रेजों के आने के बाद आई. दरअसल, भारत में चाय की शुरुआत की कहानी काफी दिलचस्प है. साल 1834 में जब गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक भारत आए, तो उन्होंने असम में कुछ लोगों को चाय की पत्तियों को उबालकर दवाई की तरह पीते हुए देखा. जिसते बाद बैंटिक ने असम के लोगों को चाय की जानकारी दी. इसके बाद से धीरे-धीरे यह ड्रिंक भारतीय लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गई. अब हर भारतीय घर में दिन की शुरूआत चाय के साथ हो होती है. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं अगर चाय न पिएं तो उनके सिर में दर्द होने लगती है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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