Nabhi Mein Laung Ka Tel Lagane Ke Fayde: आयुर्वेद में नाभि में तेल लगाने के कई फायदे बताए गए हैं. इसे 'पेचोटी विधि' कहा जाता है. आयुर्वेद के मुताबिक, नाभि शरीर का ऐसा केंद्र है, जहां से पूरे शरीर के कई तंत्रों को संतुलित किया जा सकता है. मामले को लेकर NDTV संग हुई खास बातचीत के दौरान जिवा आयुर्वेद के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान ने बताया, खासकर नाभि में लौंग का तेल डालकर मसाज करने से एक साथ कई फायदे मिल सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं इन फायदों के बारे में-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं, लौंग एक शक्तिशाली औषधीय मसाला है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में वात और कफ विकारों को संतुलित करने के लिए किया जाता रहा है. लौंग का तेल विशेष रूप से अपने एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और वातहर गुणों के लिए जाना जाता है. इसकी गर्म प्रकृति शरीर की सुस्ती को कम करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है. जब आप इस तेल को नाभि में लगाते हैं, तो यह शरीर के भीतरी अंगों तक पहुंचकर अपना प्रभाव डाल सकता है.
आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, अगर आपको रात में नींद नहीं आती है या बार-बार नींद टूटती है, तो यह प्रयोग कारगर हो सकता है. लौंग का तेल नाभि में डालने से नर्वस सिस्टम पर शांत प्रभाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और नींद बेहतर होती है.
नाभि को आयुर्वेद में 'नाभि चक्र' कहा गया है, जो पाचन अग्नि यानी डाइजेस्टिव फायर का केंद्र होता है. लौंग के तेल की गर्म प्रकृति पाचन को सक्रिय करती है और गैस, अपच, या पेट फूलने जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती है.
नाभि में लौंग का तेल डालकर हल्की मसाज करने से पेट दर्द और पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत मिल सकती है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं, इसकी वातशामक प्रकृति पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचा सकती है, जिससे थोड़ी राहत मिलती है.
डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं, तमाम फायदों के बावजूद लौंग का तेल बहुत तीव्र होता है. ऐसे में इसे कभी भी सीधे त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए. आप इसे नारियल तेल में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, 1–2 बूंद से अधिक न डालें और पहले पैच टेस्ट कर लें. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और संवेदनशील त्वचा वालों को बिना एक्सपर्ट की सलाह के इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.