week eyesight: इन चीज़ों को खाने से उतर सकता है आंखों से पावर वाला Chasma

इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप हेल्दी आई साइट बनाए रखने और उम्र से संबंधित नेत्र विकारों के जोखिम को कम करने में सक्षम हो सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं उन रेमेडीज के बारे में...

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बाहर जाने पर, UV सुरक्षा वाले धूप के चश्मे भी हानिकारक UV किरणों से आंखों की रक्षा करने में सहायता कर सकते हैं.

Natural ways to improve eyesight : इस आर्टिकल में, हम नैचुरल तरीके से आंख की रोशनी सुधारने के लिए  आसान सुझावों के बाारे में बात करेंगे, जिसमें खान-पान में बदलाव, जीवनशैली की आदतें और आंखों के व्यायाम शामिल हैं, जो अच्छी आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं. इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप हेल्दी आई साइट बनाए रखने और उम्र से संबंधित नेत्र विकारों के जोखिम को कम करने में सक्षम हो सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं उन रेमेडीज के बारे में...

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आंखों की रोशनी कैसे बढ़ाएं

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है. विटामिन ए, सी और ई, जिंक और सेलेनियम जैसे जरूरी पोषक तत्व, ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे कैरोटीनॉयड के साथ मिलकर उम्र से जुड़ी आंखों की बीमारियों और नीली रोशनी से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं. आप हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, मेवे, सी फूड और फल को शामिल करें डाइट में.

धुम्रपान छोड़ दें

धूम्रपान का आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे मैकुलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और ड्राई आई सिंड्रोम जैसी उम्र से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए आप अपनी इस लत को जितनी जल्दी हो छोड़ दीजिए. 

स्क्रीन टाइम कम करें

लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने से आंखों में सूखापन, तनाव और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि नीली रोशनी रेटिना और नींद को प्रभावित करती है. स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें और आंखों के तनाव को कम करने के लिए बार-बार ब्रेक लें. आप 20-20-20 नियम आजमा सकते हैं: हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फ़ीट दूर देखें.

यदि नेत्र रोगों का कोई पारिवारिक इतिहास है, तो सर्वोत्तम जांच और निवारक उपायों पर निर्णय लेने के लिए नेत्र विशेषज्ञ से इस पर चर्चा करना आवश्यक है. हेरीडेटरी में आपको ग्लूकोमा, रेटिनल डिजनरेशन,उम्र से संबंधित मैकुलर डिजनरेशन ऑप्टिक एट्रोफी हो सकती है.

हाइड्रेटेड रहें

डिहाइड्रेशन की वजह से सूखी आंखें, चिड़चिड़ापन और शरीर में थकावट हो सकती है. आंखों को हाइड्रेटेड रखने और इन लक्षणों से बचने के लिए, पूरे दिन पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ पीना सुनिश्चित करें.

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प्रोटेक्टिव आई वियर

बाहर जाने पर, UV सुरक्षा वाले धूप के चश्मे भी हानिकारक UV किरणों से आंखों की रक्षा करने में सहायता कर सकते हैं. पर्याप्त नींद आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आंखों को आराम मिलता है और वे तरोताजा हो जाती हैं. नींद की कमी से आंखों में तनाव, थकावट और सूखी आंखें हो सकती हैं. आंखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको हर रात 7-8 घंटे की नींद की ज़रूरत होती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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