Triphala Churan for Uric Acid control tips : बढ़े हुए यूरिक से शरीर में कई और समस्याएं शुरू हो सकती हैं, जैसे जोड़ों का दर्द, गठिया और सूजन. इसको कंट्रोल करने के लिए लोग दवा के साथ कुछ घरेलू उपाय का भी आप हेल्प ले सकते हैं. हम यहां पर आपको सस्ता और आसान उपाय बता रहे हैं, जिससे आपका बढ़े हुए यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं. दरअसल, हम यहां पर यूरिक एसिड में त्रिफला चूर्ण खाने के फायदे के बारे में बात करने जा रहे हैं...
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त्रिफला चूर्ण यूरिक एसिड में खाने के क्या हैं फायदे
- त्रिफला चूर्ण में आंवला (Amla) और बिभीतकी (Bibhitaki) जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड कंट्रोल में रहता है.
- यह गुर्दे (kidneys) और लीवर (liver) की फंक्शनिंग को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर से एसिड निकालने में मदद मिलती है.
- वहीं, त्रिफला चूर्ण में मौजूद प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण गठिया (Gout) जैसी समस्याओं में यह राहत देने के लिए भी उपयोगी है.
- त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को सुधारता है. आपको बता दें कि बेहतर पाचन से यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहता है, क्योंकि शरीर से अपशिष्ट पदार्थ आसानी से निकल आता है.
- यह आपके वजन को भी कंट्रोल में रखता है. वजन कम करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो सकता है, क्योंकि अधिक वजन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है.
त्रिफला चूर्ण सेवन करने का 2 तरीका
पहलाएक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें. अब इसे 1 गिलास गरम पानी में डालकर रातभर भिगो दीजिए.
अब सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लीजिए.
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लीजिए और इसे एक गिलास गर्म पानी में डालकर अच्छे से मिला लीजिए. अब आप इस मिश्रण को
दिन में एक या दो बार सेवन करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.