Instagram Reels और YouTube Shorts देखते हैं तो जरूर जान लें ये बात, नई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

TikTok, Instagram Reels और YouTube Shorts को लेकर एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

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TikTok, Instagram Reels और YouTube Shorts को लेकर हुई हैरान कर देने वाली रिसर्च

आजकल TikTok, Instagram Reels और YouTube Shorts जैसे प्लेटफॉर्म्स पर समय बिताना बहुत आम हो गया है. लोग घंटों तक स्क्रॉल करते रहते हैं और छोटी-छोटी वीडियो देखते रहते हैं. लेकिन हाल ही में छपी एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक नई रिसर्च के अनुसार, इन शॉर्ट वीडियो की लत हमारे दिमाग पर बेहद बुरा असर डाल रही है. ये न केवल हमारी सोचने-समझने की क्षमता को कम कर रही है, बल्कि इससे लोगों को पैसों का नुकसान तक झेलना पड़ रहा है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

क्या कहती है ये रिसर्च?

चीन की Tianjin Normal University के प्रोफेसर Qiang Wang और उनकी टीम ने एक स्टडी की, जिसे जर्नल NeuroImage में छापा गया है. इस रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग TikTok या Reels पर ज्यादा वक्त बिताते हैं, उनके दिमाग में लॉस एवर्जन (Loss Aversion) की ताकत घट जाती है.

लॉस एवर्जन क्या है?

लॉस एवर्जन वो गुण होता है जो हमें नुकसान से बचने में मदद करता है. आसान भाषा में समझें तो अगर किसी स्कीम में 1,000 रुपये जीतने का चांस है लेकिन 500 रुपये का खतरा भी है, तो लॉस एवर्जन वाला इंसान रिस्क नहीं लेगा. लेकिन शॉर्ट वीडियो की लत वाले लोग अक्सर नुकसान को नजरअंदाज कर देते हैं और तुरंत फैसला ले लेते हैं.

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दिमाग पर कैसा असर डालते हैं ये वीडियो?

ये प्लेटफॉर्म्स 'इंस्टेंट रिवॉर्ड सिस्टम' पर काम करते हैं. यानी आप एक वीडियो देखें, दिमाग को थोड़ी खुशी मिले, फिर अगला देखें. ये चक्र चलता ही रहता है. ऐसे में दिमाग को धीरे-धीरे धीमी और सोच-समझकर मिलने वाली खुशी (Delayed Gratification) की आदत छूटने लगती है. इसका असर यह होता है कि आप जरूरी फैसलों में भी जल्दीबाजी करने लगते हैं.

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सिर्फ दिमाग नहीं, पूरी लाइफ पर असर

ध्यान भटकना

रिसर्च में पाया गया है कि लगातार वीडियो देखने से आपका फोकस कम होता है. इससे आपकी कॉन्सन्ट्रेशन पावर कमजोर हो सकती है.

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नींद खराब होना

रात को 'बस एक और वीडियो' की आदत आपके स्लीप साइकल को खराब कर देती है.

मेंटल हेल्थ पर असर 

इन सब से अलग ज्यादा शॉर्ट वीडियो देखने से डिप्रेशन, एंग्जायटी और आत्मविश्वास में कमी भी हो सकती है.

जुआ-शराब की लत से कितना अलग?

स्टडी में बताया गया कि चीन में औसतन एक व्यक्ति रोज 151 मिनट शॉर्ट वीडियो पर बिताता है और करीब 95.5% इंटरनेट यूजर्स इसका हिस्सा हैं. वहीं, ये जानकारी चौंकाने वाली हो सकती है, लेकिन वैज्ञानिकों ने शॉर्ट वीडियो की लत को जुए और नशे की लत से जोड़ा है. इन सभी में व्यक्ति तुरंत मिलने वाले सुख के पीछे भागता है और लंबे नुकसान को नजरअंदाज कर देता है.

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क्या करना चाहिए?

स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करें 

अगर आप इस तरह की वीडियो देखना चाहते भी हैं, तो एक दिन में कितने मिनट आप शॉर्ट वीडियो देखते हैं, उस पर नजर रखें.

ब्रेक लें 

लगातार स्क्रॉलिंग से बचें और हर 20-30 मिनट पर ब्रेक लें.

दूसरे कामों में मन लगाएं 

किताबें पढ़ें, एक्सरसाइज करें  या किसी हॉबी पर समय बिताएं.

डिजिटल डिटॉक्स करें 

हफ्ते में एक दिन फोन से दूरी बनाएं.

TikTok, Reels और Shorts देखने में चाहे कुछ मिनट का टाइम लगे, लेकिन इनकी आदत हमारे दिमाग और फैसले लेने की क्षमता पर गहरा असर डाल रही है. यह हमें धीरे-धीरे ऐसा इंसान बना सकती है जो बिना सोचे-समझे फैसले करता है, खासकर पैसों से जुड़ी बातों में. इसलिए जरूरी है कि हम शॉर्ट वीडियो को टाइमपास तक ही रखें और अपनी लाइफ, फोकस और फैसलों की क्वालिटी पर इनका असर न पड़ने दें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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