बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर वन अंडर-19 बनने वाली खिलाड़ी तसनीम (Tasnim Mir) ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में ये खिताब पाया है. वे भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस सूची में नंबर वन पर अपनी जगह बनाई है. जैसा कि जगजाहिर है तसनीम बेहद फिट हैं जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. तसनीम (Tasnim Mir) उनमें से हैं जो आराम करने की बजाए जल्द से जल्द काम पर लगना पसंद करती हैं. पिछले साल ही कोविड लौकडाउन की घोषणा होने से दो दिन पहले ही वे ट्रेनिंग के लिए बेस कैंप पहुंच गई थीं
तसनीम की ट्रेनिंग किसी भी तरह से आसान नहीं होती. उन्हें 6 से 8 घंटे प्रतिदिन ट्रेनिंग करनी पड़ती है. वे जब 7-8 साल की थीं तभी से उनके पिता ने उन्हें शुरुआती ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था. उनके पिता बैडमिंटन कोच हैं और मेहसाना पुलिस में भी हैं जिस कारण तसनीम (Tasnim Mir) बचपन से ही एक एक्टिव लाइफस्टाइल जी रही थीं.
बैडमिंटन में खुद को परफेक्ट करने के लिए एक खिलाड़ी को कई तरह के वर्कआउट्स करने में पड़ते हैं. इनमें जॉगिंग, स्किपिंग, शैडो प्लेइंग, वेट लिफ्टिंग आदि भी की जाती है. साथ ही, प्रोपर डाइट फॉलो करनी होती है.
तसनीम का कहना है कि उन्हें अपने स्टेमिना और अपने खेल के मेंटल एस्पेक्ट पर काम करने की बेहद जरूरत है, जोकि बड़ी भूमिका निभाता है. तसनीम मानती हैं कि उनके शोट्स में कोन्फिडेंस तो है लेकिन दिमाग पर फोकस करना महत्त्वपूर्ण है. अपने खेल में वे एग्रेशन के साथ शॉट्स मारती हैं और एग्रेशन उन्हें एनर्जी देता है जिससे वे (Tasnim Mir) कॉर्ट में बनी रहती हैं. उनके वर्तमान कोच एडविन का भी यही कहना है कि तसनीम अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करती हैं.
अपने खेल और फिटनेस पर फोकस करने के लिए तसनीम सोशल मीडिया से भी दूर रहती हैं. यहां तक कि उनके पास स्मार्टफोन भी नहीं है और जब उन्हें ट्रेनिंग सेंटर में रहते हुए मां की याद आती है तब भी वे उन्हें वीडियो कॉल नहीं कर पातीं.