Benefits of close relation of Parents and child: बच्चों (children) के जीवन में पेरेंट के साथ बिताए गए समय (Spending time with parents) का बहुत महत्व होता है. आजकल माता पिता दोनों के वर्किंग होने के कारण पेरेंट का बच्चों के साथ बिताया गया समय कम होता जा रहा है, लेकिन इसका असर बच्चों की पर्सनालिटी पर पड़ सकता है. वर्किंग पेरेंट को बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए. यह बच्चों के मेंटल पीस और डेवलपमेंट दोनों के लिए बहुत जरूरी है. पेरेंट का बच्चों के साथ पुरानी बातों को याद करना, उन्हें गाइंड करना, उनकी एचीवमेंट पर खुशी मनाना, उनके साथ बातें शेयर करना बच्चों की पर्सनालिटी पोजेटिव असर डालता है और बच्चे मेंटली स्ट्रॉग बनते हैं. आइए जानते हैं पेरेंट को बच्चों के साथ कितना और कैसा समय बिताना चाहिए….
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मेमोरी बनाएं
पेरेंट को बच्चों के साथ पुरानी बातों को याद कर उन्हें मेमोरी बनाने में मदद करनी चाहिए. किसी पिकनिक या पारिवारिक उत्सव को याद करने और उसके बारे में बाते करने से बच्चे के मन में वह समय सुखद याद के रूप में दर्ज हो जाते हैं. इससे उन्हें फैमिली से मिलने वाली सिक्योरिटी की भावना विकसित होती है.
इमोशनल हेल्थ
पेरेंट और बच्चों का एक साथ क्वालिटी टाइम गुजारने से इमोशनल हेल्थ पर बहुत अच्छा असर पड़ता है. इसके साथ ही एक दूसरे के साथ भावात्मक समझ भी बढ़ती है. यह आगे चलकर बच्चों को माता पिता से खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
बच्चों के साथ कैसे समय बिताएं
बच्चों के साथ समय गुजारने के लिए परिवार की पारंपरिक चीजों को करना, एक दूसरे की हॉबी में शामल होना, बोर्ड गेम या आऊटडोर गेम खेलना, लंच या डिनर पर साथ होना, एक दूसरे के लिए डिश तैयार करना जैसी एक्टीविटिज काफी काम की साबित हो हो सकती है.
पेरेंट इससे बचें
बच्चों के साथ वक्त गुजारते समय पेरेंट को बहुत अधिक कठोर या नियमों के पालन की जगह बच्चों की खुशी का ध्यान रखना चाहिए. उस समय अनुशासन और नियमों पर बहुत अधिक जोर देने से बच्चों के लिए बोझिल अनुभव हो सकता है.