सोहा अली खान ने बताया बेटी इनाया का कैसे करती हैं पालन-पोषण, नई पीढ़ी के बच्चों के लिए कही यह जरूरी बात

Parenting Tips: सोहा ने अपने पालन-पोषण के तरीके और नई पीढ़ी के बच्चों के पालन-पोषण के बारे में खुलकर बात की. सोहा अपनी बेटी इनाया को भी अपने दादा-दादी के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करती हैं.

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सोहा ने बताया नई जनरेशन के बच्चों का कैसे करें पालन-पोषण
Soha Ali Khan/Instagram

Soha Ali Khan: अभिनेत्री और लेखिका सोहा अली खान अपनी बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं. उनका पॉडकास्ट ऑल अबाउट हर, न सिर्फ शो में आने वाले मेहमानों के लिए, बल्कि होस्ट और उनके बीच की बातचीत के लिए भी सुर्खियां बटोरता है. इंडिया टुडे के साथ हाल ही में हुए 'एनीथिंग बट' सेगमेंट के लिए दिए गए एक इंटरव्यू में सोहा ने अपने पालन-पोषण के तरीके और नई पीढ़ी के बच्चों के पालन-पोषण के बारे में खुलकर बात की. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नई जनरेशन के बच्चों का पालन-पोषण कैसे करना चाहिए.

दादा-दादी सबसे अच्छे शिक्षक

हमारी संस्कृति में, अगर कोई बच्चा दादी-नानी के किस्से सुनकर बड़ा हुआ है, तो उसे भाग्यशाली माना जाता है. कहानियां न केवल हमारे बचपन का मूल आधार होती हैं, बल्कि वे नैतिक मूल्यों का भी संचार करती हैं और दुनिया के बारे में हमारी धारणा बनाती हैं. सोहा अली खान का मानना है कि उनके दादा-दादी ने उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं. उन्होंने कहा, "मेरे दादा-दादी के साथ मेरा रिश्ता हमेशा बहुत खास रहा है. मुझे उनकी कहानियां और उनके साथ बिताए गए समय की यादें हमेशा रहेंगी."

सोहा अपनी बेटी इनाया को भी अपने दादा-दादी के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इनाया को भी अपने दादा-दादी के साथ समय बिताने से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा."

सोहा ने कहा कि आजकल के बच्चों को डिजिटल दुनिया में रहना सिखाना बहुत जरूरी है, लेकिन साथ ही साथ उन्हें पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

आजकल के बच्चे डिजिटल दुनिया में रहते हैं, लेकिन हमें उन्हें पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए. सोहा अपनी बेटी को एक संतुलित जीवन देने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा, "हम इनाया को खेलने, पढ़ने और बाहर समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. बेशक, कभी-कभी स्क्रीन भी काम आता है, लेकिन हमें लगता है कि संतुलन बहुत जरूरी है."

एक जेन अल्फा को आगे बढ़ाएं

सोहा के मुताबिक, जनरेशन जेड वर्तमान में हैं और कार्यबल में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन जेन अल्फा भविष्य हैं. वे युवा और किशोर हैं और जाहिर है कि वे और भी ज्यादा बोलचाल और संक्षिप्त रूप गढ़ रहे हैं जिनका हम हिसाब रख सकते हैं. जेन अल्फाज के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "आजकल बच्चे डिजिटल दुनिया में बड़े हो रहे हैं, जो उन्हें अविश्वसनीय रूप से जागरूक और जिज्ञासु बनाता है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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