Scandinavian sleep: सोने के इस तरीके से सुधर रहा शादीशुदा कपल्स का रिश्ता, जानें क्या है ये अनोखा स्लीप मेथड

Relationship News: कई शादीशुदा कपल्स एक ही बिस्तर पर सोते समय नींद से जुड़ी परेशानियों का सामना करते हैं, जिससे समय के साथ उनके रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है. स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड इस तनाव से बचने का एक स्मार्ट तरीका है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

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Scandinavian Sleep Method: स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड शादीशुदा कपल्स के रिश्तों को मजबूत करने का एक अनोखा तरीका है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

Scandinavian Sleep Method: अच्छी नींद सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि रिश्तों के लिए भी जरूरी होती है. हमारे देश में ज्यादातर शादीशुदा जोड़े एक ही बिस्तर पर सोते हैं. अब, अगर किसी पार्टनर को सोते समय हाथ-पैर चलाने की आदत हो या कोई शख्स सोते समय खर्राटे लेता हो, तो इससे दूसरे पार्टनर की नींद पर असर पड़ने लगता है. बार-बार करवटें बदलने या हाथ-पैर चलाने पर दूसरा पार्टनर ठीक तरीके से नहीं सो पाता है, जिससे फिर अलगे दिन वो खुद को थका हुआ या सुस्त महसूस करने लगता है. इससे समय के साथ व्यक्ति में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, जो आगे चलकर लड़ाई में भी बदल सकता है. इसी लड़ाई से बचने के लिए कपल्स सोने के लिए एक नए तरीके को अपना रहे हैं, जिसे स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड (Scandinavian Sleep Method) कहा जा रहा है. आइए जानते हैं ये अनोखा तरीका क्या है-

क्या है स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड (What is Scandinavian Sleep Method?)

बता दें कि सोने का ये तरीका नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क जैसे स्कैंडिनेवियन देशों में काफी लोकप्रिय है. इसमें कपल्स एक ही बिस्तर पर तो सोते हैं, लेकिन अलग-अलग रजाई (डुवेट) या कंबल के साथ. दरअसल, आमतौर पर कपल्स एक बेड पर एक ही कंबल शेयर कर सोते हैं. इससे सोते समय एक पार्टनर के हिलने या करवट बदलने से दूसरे की नींद बार-बार टूटने लगती है. साथ ही हाथ-पैर लगने पर भी वो ठीक तरह से नहीं सो पाता है. स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड इस तरह की परेशानी को खत्म करने का एक स्मार्ट तरीका है.

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कैसे फायदेमंद है सोने का यह तरीका?

बेहतर नींद

स्कैंडिनेवियाई स्लीप मेथड में जब दोनों पार्टनर अलग-अलग रजाई का इस्तेमाल करते हैं, तो एक-दूसरे की हलचल या रजाई खींचने की समस्या नहीं होती. इससे दोनों की नींद बिना किसी परेशानी के पूरी होती है और वे अगले दिन खुद को फ्रैश फील करते हैं. 

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रिश्ते में तनाव की कमी

अगर कोई पार्टनर सोते समय करवट बदलता है या ज्यादा हिलता-डुलता है, तो दूसरा व्यक्ति बार-बार जाग सकता है. अलग-अलग रजाई होने से यह परेशानी नहीं होती और दोनों को अच्छी नींद मिलती है, जिससे बिना वजह के झगड़े और तनाव से बचा जा सकता है.

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पसंदीदा तापमान का कंट्रोल

हर व्यक्ति को सोने के लिए अलग तापमान पसंद होता है. यानी कोई हल्की रजाई में आराम महसूस करता है, तो किसी को मोटी रजाई की जरूरत होती है. अलग-अलग रजाई होने से दोनों पार्टनर अपनी सुविधा के अनुसार तापमान चुन सकते हैं.

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ऐसे में अगर आपको और आपके पार्टनर को सोते समय दिक्कत होती है, तो यह तरीका आजमाना एक अच्छा फैसला हो सकता है. Scandinavian Sleep Method न केवल नींद में सुधार करता है बल्कि रिश्ते को भी मजबूत बनाता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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