Sawan and health : सावन के महीने में ज्यादातर लोग लहसुन और प्याज का इस्तेमाल बंद कर देते हैं. इसके पीछे का धार्मिक तथ्य है कि, ये तामसिक भोजन है इसलिए व्रत के फलहार और कथा पूजा के प्रसाद में इसका इस्तेमाल वर्जित होता है. हालांकि, लहसुन और प्याज दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, लेकिन बावजूद इसके सावन के महीने में इसका यूज कम होता है. वहीं हेल्थ स्पेशलिस्ट भी इसे खाने से माना करते हैं. जानिए आखिर इसके पीछे की वजह क्या है और इसका सेहत से क्या संबंध है. आज हम इसके बारे में ही इस लेख में आपको बताने वाले हैं, ताकि आपको यह कॉन्सेप्ट क्लीयर हो जाए.
सावन और लहसुन-प्याज
- असल में सावन के महीने में मानसून शुरू हो जाता है, जो अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है. इस दौरान हमारा इम्यून सिस्टम स्लो हो जाता है जिसके कारण शरीर बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाता है. लहसुन प्याज की तासीर गरम होती है जो शरीर में हीट जनरेट करने का काम करता है, इसलिए सावन के महीने में इन दोनों को भोजन में इस्तेमाल करने से मना किया जाता है.
- आयुर्वेद के अनुसार लहसुन प्याज एक औषधि है जिसे शरीर में सुधार के लिए सेवन किया जाता है. लेकिन लोग इसको डेली डाइट में शामिल कर लेते हैं, जो लाभ की जगह नुकसान पहुंचाता है.
- आयुर्वेद लहसुन प्याज को नियमित रूप से आहार में शामिल करने की सलाह इसलिए नहीं देता है क्योंकि इसका अधिक सेवन शरीर में बनने वाले गुड बैक्टीरिया को भी खत्म कर देते हैं.
- वहीं, प्याज और लहसुन बहुत गरम होते हैं जो शरीर में हीट पैदा करते हैं. इसलिए जो लोग ध्यान आदि करते हैं वो इसका सेवन नहीं करते हैं. इसके सेवन से गुस्सा और एंग्जाइटी भी बढ़ती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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