Ayurvedic Remedies: आयुर्वेद में जीवन से जुड़ी बहुत सी चीजों को सही तरह से करने के बारे में बताया जाता है. ऐसे में नहाने को लेकर भी आयुर्वेद में बताया गया है कि किस तरह से नहाना चाहिए, अगर सही तरह से ना नहाया जाए तो इससे शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है. ऐसे में आचार्य मनीष जी (Acharya Manish Ji) ने बताया है कि किस तरह से नहाना चाहिए. आचार्य जी ने बताया कि सही तरह से नहाना सेहत को अच्छा रखने के जरूरी होता है. आचार्य मनीष जी आयुर्वेद और नैचुरोपैथी एक्सपर्ट हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते रहते हैं. अपने ऐसे ही एक वीडियो में आचार्य जी ने बताया नहाने का सही तरीका.
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क्या है नहाने का सही तरीका | What Is Right Way Of Bathing
आचार्य मनीष जी ने कहा कि नहाते हुए सबसे पहले नाभि के आसपास पेट पर 3 से 4 मग्गे पानी डालने चाहिए. अगर आप बैठकर नहाते हैं तो नाभि पर हाथ रखकर फिर पानी डालें. पेट पर पानी डालने के बाद ही शरीर के बाकी हिस्सों पर पानी डालकर नहाना चाहिए. आचार्य मनीष जी का कहना है कि यही नहाने का सही तरीका होता है.
- बहुत ज्यादा गर्म या ठंडे पानी से नहाने के बजाय अक्सर ही गुनगुने पानी से नहाने की सलाह दी जाती है.
- बहुत लंबे समय तक नहीं नहाना चाहिए नहीं तो स्किन को नुकसान हो सकता है. 5 से 10 मिनट तक नहाना पर्याप्त होता है.
- शरीर पर जमी डेड स्किन सेल्स हट जाए इसके लिए शरीर को हफ्ते में 2 बार एक्सफोलिएट यानी स्क्रब किया जा सकता है.
- कॉफी में शहद मिलाकर या फिर दही में ओट्स मिलाकर स्क्रब (Scrub) तैयार किया जा सकता है.
- बैक्टीरिया वाले लूफा इस्तेमाल करने के बजाय माइक्रोफाइबर का इस्तेमाल करें. इसके अलावा सादे हाथों से शरीर को मलें. इससे भी मैल छूट जाता है.
- शरीर पर साबुन ना लगा रहे इस बात का ध्यान रखें. साबुन लगे रह जाने पर स्किन ड्राई होने लगती है.
- नहाने के बाद चेहरे को तौलिए से रगड़ने के बजाय किसी सॉफ्ट कपड़े से साफ करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.