Children's Health: बच्चा जब एक साल से छोटा होता है तो उसे किस तरह लेटाया जा रहा है और किस तरह सुलाया जा रहा है इसका खास ध्यान रखना जरूरी होता है. बच्चे को अगर सही तरीके से ना सुलाया जाए तो उसकी सामान्य वृद्धि-विकास पर असर पड़ सकता है. कई बार पैरेंट्स बच्चे को सुलाने के लिए तकिए (Pillow) का भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, बच्चे को तकिए पर सुलाना क्या सचमुच सही है या नहीं यह कम ही लोग जानते हैं. आसपास के लोग या घर के बड़े-बुजुर्ग यह कह देते हैं कि बच्चे के सिर के नीचे तकिया होगा तो उसे बेहतर नींद लेने में मदद मिलेगी. मगर लोगों की बातों के बजाय डॉक्टर की सलाह लेना ज्यादा बेहतर होता है. ऐसे में चलिए बच्चों के डॉक्टर (Pediatrician) पवन मांडविया से जानते हैं एक साल से छोटे बच्चे को तकिये पर सुलाना चाहिए या नहीं. डॉ. मांडविया कंसल्टेंट पीडियाट्रिशयन और न्यूबॉर्न स्पेशलिस्ट हैं और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अक्सर ही बच्चों की सेहत से जुड़ी सलाह शेयर करते रहते हैं.
एक साल से छोटे बच्चे को तकिये पर सुलाना चाहिए या नहीं
डॉ. मांडलविया का कहना है कि अक्सर ही पैरेंट्स बच्चे को तकिये पर सुला देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने पर बच्चे का सिर फ्लैट या सपाट नहीं होगा. इसके लिए वे रूई का तकिया या नॉर्मल तकिया लेते हैं. लेकिन, डॉक्टर की सलाह है कि एक साल से छोटे बच्चे को तकिये पर नहीं सुलाना चाहिए.
डॉक्टर कहते हैं कि छोटे बच्चे को जब तकिये पर सुलाया जाता है तो उसके सिर का हिस्सा बाकी शरीर से ऊपर आ जाता है, इससे बच्चे की गर्दन और कमर की मसल्स पर दबाव पड़ता है. बच्चे की रीढ़ की हड्डी (Baby's Spine) में भी अप्राकृतिक कर्व आ जाता है जिससे बच्चे के रीढ़ की हड्डी आगे जाकर अच्छे से विकसित नहीं होती है और बच्चे के बैठने और चलने में दिक्कत आने लगती है.
अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि बच्चे को तकिये पर सुलाने से SIDS की संभावना बढ़ जाती है जिसका मतलब है सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम. ऐसा इसलिए क्योंकि तकिये पर सुलाया गया बच्चा अगर एक साइड में होकर लेटता है तो उसकी नाक और श्वसन नली दब सकती है जिससे सफोकेशन होने लगती है और बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आती है. ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि एक साल से छोटे बच्चे को तकिये पर कभी नहीं सुलाना चाहिए.