R Madhavan ने बताया बेटे वेदांत की फिटनेस का राज, कहा ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दिन की करता है शुरुआत

R Madhavan का बड़ा बेटा वेदांत स्विमर है और मलेशियन ओपन में 5 गोल्ड जीत चुका है. बेटे की फिटनेस के बारे में बात करते हुए आर माधवन ने बताया बेटे का लाइफस्टाल कैसा है.

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R Madhavan Son Vedaant: आर माधवन ने बताया बेटे के लाइफस्टाइल के बारे में.

Celebrity Lifestyle: एक्टर आर माधवन (R Madhavan) हाल ही में फिल्म 'आप जैसा कोई' में नजर आए. 'रहना है तेले दिल में' और '3 इडियट्स' जैसी फिल्मों में लोगों ने माधवन को खूब पसंद भी किया है. ना सिर्फ माधवन के स्टाइल बल्कि उनकी फिटनेस को भी लोग खूब पसंद करते हैं. हाल ही में माधवन ने अपने बेटे की फिटनेस और लाइफस्टाइल के बारे में भी बात की है. माधवन के बड़े बेटे वेदांत की उम्र 19 साल है और वह स्विमर है. मलेशियन ओपन में वेदांत ने पांच गोल्ड मेडल जीते थे, दानिश ओपन में गोल्ड और सिल्वर जीता, लात्वियन और थाइलैंड ओपन में वेदांत ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया. वहीं, कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में वेदांत पांचवे स्थान पर थे. अपने एक इंटरव्यू में माधवन ने बताया कि बेटा वेदांत माधवन (Vedaant Madhavan) अपनी फिटनेस को लेकर कितना सीरियस है और किस तरह डिसिप्लिन्ड रहता है.

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आर माधवन ने बताया बेटे के लाइफस्टाइल के बारे में

आर माधवन ने बताया कि बेटा वेदांत सुबह ब्रह्म मुहूर्त (R Madhavan) में उठता है. आध्यात्मिक तौर पर यह सुबह उठने का सबसे सही समय है. वह सुबह 4 बजे उठने के बाद रात 8 बजे तक सो जाता है. वेदांत प्रोफेशनल स्विमर है और उसका यह काम मेहनत वाला है और पैरेंट्स के लिए भी मेहनत हो जाती है.

वेदांत की लंबाई 6 फुट 3 इंच है और अपनी स्विमर बॉडी को मेंटेन करने के लिए वह हाइपर डिसिप्लिन्ड लाइफस्टाइल जीता है. माधवन ने बताया कि खाना खाना भी वेदांत के लिए एक एक्सरसाइज है. वह खाने के लिए सिर्फ बैठता ही नहीं है बल्कि बाकी चीजों के साथ-साथ वह क्या खा रहा है या कैसे चबा रहा है इसपर भी फोकस करता है और मील बैलेंस का ध्यान रखता है.

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माधवन ने कहा कि वे सोचते हैं कि काश वे भी बेटे की ही तरह इतने ही डिसिप्लिन होते. वे असल में आलसी हैं और खुद को क्रिएटिव बोलकर बच जाते हैं.

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पैरेंटिंग को लेकर कही यह बात

आर माधवन ने फादरहुड (Fatherhood) के बारे में भी बताया, कहा कि आजकल के बच्चे सोशल मीडिया की बदौलत हाइपर-अवेयर हैं. माधवन का कहना है कि पैरेंट्स को अपने ओपिनियन बच्चों पर थोपने नहीं चाहिए. माधवन ने बताया कि जब वेदांत 5 साल का था तब से मैं उससे इसी तरह बात करता हूं जैसे यहां आपसे कर रहा हूं और उसके ओपिनियन गंभीरता से लेता हूं. बच्चों के लिए आप यह कर सकते हैं कि अपना अनुभव उनसे साझा करें और बस इस बात का ध्यान रखें कि उनका आसपास का माहौल सुरक्षित है.

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