Six Mantra For Success Of Kids: हर पेरेंट की दिली तमन्ना होती है कि उनका बच्चा लाइफ में सेक्सफुल हो. यही कारण है कि आजकल पेरेंटिंग पर काफी ध्यान दिया जाने लगा है. कहते हैं एक बच्चा जब दुनिया में आता है तो खाली स्लेट की तरह होता है और लाइफ के एक्सपीरियंस उस खाली स्लेट पर जो लिखती हैं वही बच्चे का भविष्य तय करता है. उसे मिलने वाले अनुभव ही उसे बनाते हैं. स्कूल में सभी तरह के सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं लेकिन जीवन के उतार और चढ़ाव से निपटना नहीं सिखाया जाता है. ऐसे में पेरेंट को बच्चों को मेंटेली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए मदद करनी चाहिए. इसके लिए कुछ ऐसे मंत्रों की मदद ली जा सकती है तो बच्चे को कॉन्फिडेंट और निडर बनाने में काफी मदद (Kya Hai Baccho Ki Safalta Ka Mantra) कर सकते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही मंत्र जिन्हें जीवन में बार बार दोहराने (Baccho Ko Kun Se Mantra Sikhaye) से बच्चे में हिम्मत और आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं रहेगी.
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सफलता के 6 मंत्र (Six Mantras of success)
मन की हर भावना को शांत करने वाला मंत्र ॐPhoto Credit: Pexels
भारतीय संस्कृति में ॐ शब्द का बहुत महत्व है. यह कोई आम शब्द नहीं बल्कि एक ऊर्जा और एक लय है. अगर बच्चा हर दिन सुबह या रात को 3 से 5 मिनट तक ‘ॐ' का उच्चारण करता है, तो इससे उसका मन स्थिर होने लगता है. ॐ का उच्चारण उसे गुस्सा, डर, और बेचैनी जैसे भावों को काबू में रखना सिखाती है. बच्चे को हर दिन स्कूल भेजने से पहले ॐ शब्द का उच्चारण करवाएं. ‘ॐ' बोलते समय बच्चे को अपनी सांस पर ध्यान देना सिखाएं.
मां काली माता दुर्गा का रूप होने के साथ साथ हर उस भावना का रूप हैं जो बुराई और डर के खिलाफ खड़ी होती है. जब बच्चा इस मंत्र बोलता है, तो उसे लगता है कि कोई ताकतवर शक्ति उसकी रक्षा कर रही है. यह उसे किसी भी चीज से भय लगने से बचाती है. अगर बच्चे को कमरे में अकेले सोने से डर लगे, तो सोने से तीन बार इस मंत्र का जाप करने को कहें.
भगवान शिव जी समर्पित यह मंत्र नकारात्मक सोच, डर और अनजाने भय को दूर करने के लिए बहुत असरदार है. यह मंत्र न सिर्फ मृत्यु के भय से बचाता है, बल्कि चिंता या घबराहट को भी शांत करता है. बच्चों को धीरे-धीरे इस मंत्र की पंक्तियां याद करवाएं और इसका अर्थ भी समझाएं.
भगवान विष्णु को समर्पित यह मंत्र यह विश्वास देता है कि दुनिया में हर चीज किसी न किसी कारण से होती है. अगर बच्चा किसी बात को लेकर चिंता में हो तो उसे यह मंत्र दोहराने को कहें.
हनुमान जी को निडरता और साहक का प्रतीक माना जाता है. बच्चे को सिखाएं कि जब भी उन्हें किसी बात से भय लगे तो वे हनुमान चालीसा का पाठ करें. डर या परेशानी के समय हनुमान जी को याद करने से उनका आत्मबल बढ़ जाएगा.
अगर बच्चे को मंत्र पाठ करने में दिक्कत हो रही हो तो उसे यह आसान और असरदार वाक्य बोलने के लिए कहें- “मैं निडर हूं और मुझमें आत्मविश्वास है. मैं यह कर सकता हूं.” यह वाक्य बच्चे सुबह उठने के बाद या रात को सोने से पहले दोहराएं.
प्रस्तुति: रोहित कुमार
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.