Parenting Tips: छोटे बच्चे माता-पिता के साथ खुलकर बातें करते हैं लेकिन बात जब टीनएज बच्चों की आती है तो पैरेंट्स के पास ढेर सारी शिकायतें होती हैं. इसमें सबसे पहली शिकायत यही होती है कि बच्चा उनसे अपने मन की बात शेयर नहीं करता है और उनके साथ वक्त नहीं बिताता है. देखा जाए तो छोटे बच्चों की अपेक्षा टीनएज बच्चों (Teenagers) को संभालना एक बड़ा टास्क है. कहते हैं कि किशोरावस्था वो उम्र होती है जब बच्चे माता-पिता से दूर होते हैं और बाहरी दुनिया के बहकावे में आकर भटक जाते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि वो कुछ खास टिप्स अपनाकर बच्चों को भटकने से बचाएं और उनके दोस्त बन जाएं. आप भी इन टिप्स की मदद लेकर अपने बड़े होते बच्चे के दोस्त (Friend) बन सकते हैं.
कैसे बनें टीनेज बच्चों के दोस्त
टीनएज बच्चे को भटकने से बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनके करीबी और विश्वसनीय दोस्त बन जाएं. लेकिन अधिकतर लोग ऐसी नहीं कर पाते क्योंकि वो अपने बड़े होते बच्चे को अभी भी बच्चा ही समझते हैं. अपने बच्चे को जानने और समझने की कोशिश करें. बच्चे से बात करके उसे जानने की कोशिश करें.
बच्चे को डराने की बजाय उसका दोस्त बनकर उससे बात करने की कोशिश करें. याद रखिए अगर आप बच्चे को डांटते या फटकारते हैं तो वो आपके पास नहीं आएगा और अपनी एक अलग दुनिया बनाने की कोशिश करेगा. उससे प्यार से बात करें, दोस्ती करने की कोशिश करें और हंसी मजाक करते रहें. उसे हर वक्त डांटते ना रहें.
कोई भी बच्चा उस समय बुरा फील करता है जब दूसरों से उसकी तुलना (Comparison) होती है. खासकर टीनएज बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से ना करें. इससे उसका आत्मविश्वास कमजोर होता है और वो टूट जाता है. उसे बेहतर बनने में मदद करें और उसकी खास प्रतिभाओं को बाहर निकालने की कोशिश करें. रिजल्ट को लेकर उसे ताने मारना, उसकी शक्ल सूरत को लेकर बातें करना, ये सब गलत बातें हैं जो टीनएज बच्चों को आपसे दूर कर सकती हैं.
हर मुद्दे पर बात करके आप अपने बच्चे के दोस्त बन सकते हैं. कई बार बच्चे बहुत कुछ सोचते हैं और झिझक के चलते पैरेंट्स से बात नहीं कर पाते हैं. ऐसे में वो दूसरी जगहों से जानकारी पाते हैं जो उनके लिए घातक हो सकती है. अपने बच्चे से खुलकर हर मुद्दे पर बात करें, खुलकर अपने विचार उनके सामने रखें और उनकी राय जानें. इससे बच्चा आपके करीब रहेगा और उसका विश्वास (Trust) आपके ऊपर बना रहेगा.
अगर आप किसी गलत काम के लिए बच्चे को डांटते हैं तो सही काम के लिए तारीफ करना भी बनता है. बच्चा अगर किसी काम में अच्छा है तो उसकी तारीफ जरूर करें. इससे बच्चा मोटिवेट होता है और वो आपके नजरिए के प्रति नरम रुख अपनाएगा. बच्चे की किसी खास प्रतिभा को बेहतर बनाने के लिए उसकी मदद करें.